देशबंधु
कहीं संकट का बादल न बन जाए अम्ल वर्षा
Posted on 21 Jul, 2011 12:04 PMअम्ल वर्षा हमारे लिए पर्यावरण सम्बन्धी मौजूदा समस्याओं में से एक सबसे बड़ी समस्या है। यह अदृश्य गैसों से निर्मित होती है जो कि आम तौर पर ऑटोमोबाइल या कोयला या जल विद्युत संयंत्रों के कारण वातावरण में बनती हैं। यह अत्यंत विनाशकारी होती है। वैज्ञानिकों ने इसके बारे में सबसे पहले सन 1852 में जाना। एक अंग्रेज वैज्ञानिक रॉबर्ट एग्नस ने अम्ल वर्षा के बारे में सबसे पहले इसे परिभाषित किया और इसके कारण
पर्यावरण संरक्षण : विविध आयाम
Posted on 09 May, 2023 01:17 PM"हे मेघ! जब तुम आकाश मार्ग से अलकापुरी की ओर बढ़ रहे होगे, तब नीचे धरती पर जहां तुम्हें शत-शत योजनों तक जलाशय ही जलाशय दिखें तो समझ लेना कि तुम छत्तीसगढ़ से गुजर रहे हो।" महाकवि कालिदास ने यदि अपनी अमर काव्य कृति "मेघदूत' में देश की नैसर्गिक सुषमा का चित्रण करते हुए छत्तीसगढ़ को भी शामिल किया होता तो उनका यक्ष शायद इसी तरह का वर्णन करता !
समुद्र में जाना, मगर संभलकर
Posted on 17 Aug, 2010 07:41 AMमुंबई के समुद्र तट के पास सात अगस्त को दो पनामाई मालवाहक जहाज एमएससी चित्रा और मर्चेन्ट वेसल खलीजा की टक्कर के बाद एक जहाज में से तेल रिसाव होना शुरू हुआ। जहाजरानी महानिदेशालय द्वारा शुरू की गई प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि सम्भवत: दोनों जहाजों के बीच संचालन संबंधी खामी और रेडियो संचार में नाकामी की वजह से यह टक्कर हुई। इसके बाद से हर दिन समुद्र में एक टन तेल गिर रहा है और इस जहाज में करी
ताजे पानी का मतलब?
Posted on 20 Dec, 2008 03:56 PMवन विभाग जानता है, कि जल ही जीवन है, पर पानी की बरबादी रोकने के कोई कारगर प्रयास दिखाई नहीं देते। घर में एक बार फ्लश कम खींचने का मतलब है एक पेड़ का पोषण कर सकने लायक पानी बचा लेना। उधर टयूबवेल से एक बाल्टी पानी खींचने का मतलब है किसी विशाल पेड़ का प्राण सोखना।
इन्दिरा मिश्र