डा. सौमित्र मोहन

डा. सौमित्र मोहन
मनरेगा : भ्रष्टाचार रोकने के उपाय नाका़फी
Posted on 29 Oct, 2010 10:09 AM

नरेगा के अंतर्गत भ्रष्टाचार और सरकारी धन के अपव्यय को रोकने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इस योजना की संरचना में पर्यवेक्षण और निरीक्षण का खास ध्यान रखा गया है। इसके लिए फील्ड में जाकर ज़मीनी हक़ीक़त की जांच-पड़ताल, मस्टररोल का सार्वजनिक निरीक्षण, योजना के अंतर्गत पूरे किए जा चुके एवं चल रहे कामों को सूचनापट्ट पर प्रदर्शित एवं प्रचारित करने और सामाजिक अंकेक्षण पर विशेष ज़ोर दिया गया है। मस्टररोल को सार्वजनिक करने की व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम कसी जा सके। लेकिन इसका हर जगह पालन नहीं हो रहा और इससे तमाम तरह की आशंकाएं पैदा हो रही हैं। काम के लिए की गई मांग और मांग पूरी होने पर घर के सदस्यों के फोटो लगे जॉबकॉड्‌र्स की व्यवस्था भी भ्रष्टाचार को ध्यान में रखकर ही की गई है।
मनरेगा, जो मन में आए करो!
Posted on 06 Dec, 2010 12:23 PM

उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोज़गार योजना (मनरेगा) ग़रीबों के लिए केंद्र सरकार की खास योजना है। लेकिन अधिकारियों ने इसे अपनी तरह से चलाने की मनमानी शुरू कर दी है। इस समय प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों के मन में जो आ रहा है वही, इस योजना के लिए भेजे गए फंड के साथ किया जा रहा है। हालांकि राहुल गांधी द्बारा इसमें हो रही लूट की ओर इशारा करने के बाद मायावती ने कुछ अधिकारियों के ख़ि

सूचना अधिकार क़ानून: भ्रांतियां और निवारण
Posted on 30 Oct, 2010 09:47 AM

भारत में सूचना अधिकार क़ानून (आरटीआई एक्ट) को लागू हुए पांच साल पूरा हो चुका है, लेकिन आम जनता और सरकारी अधिकारी अभी भी इस क़ानून के कई पहलुओं से अनभिज्ञ हैं। यह अनभिज्ञता दायर की गई अपीलों और लोकसेवकों द्वारा उनके जवाबों को देखकर स्पष्ट हो जाती है। कई बार ऐसी अपीलें दायर की जाती हैं, जिनके पीछे दायर करने वालों के निजी स्वार्थ छुपे होते हैं। राजनीतिक पार्टियां कई बार अधिकारियों से अपनी खुन्न
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