अफ़लातून
परमाणु बिजली न सस्ती है,न सुरक्षित,न स्वच्छ
Posted on 25 Jul, 2011 02:58 PMपरमाणु बिजली कत्तई सस्ती नहीं है । पूँजी का फँसे रहना, परमाणु – ईंधन प्रसंस्करण, परमाणु – कचरे का निपटारा, समग्र बिजली घर की ‘उमर बीत जाने’ पर उसकी कब्र का खर्चा इत्यादि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तथा आनुषंगिक सभी खर्चों का हिसाब करने पर परमाणु बिजली अत्यन्त मंहगी पड़ती है। आज कुल बिजली का 3% परमाणु उर्जा से मिलता है । पिछले दो तीन सालों में बाजार में यूरेनियम की कीमत सात डॉलर प्रति पाउन्ड से बढ़कर
प्रकृति को हक़ देने वाला पहला देश : इक्वाडोर
Posted on 20 Feb, 2009 07:50 AMOctober 11, 2008/ अफ़लातून
प्रकृति और पर्यावरण को हक़ देने वाला इक्वाडोर पहला देश बन गया है। २८ सितम्बर २००८ को देश के ६८ फीसदी जनता ने मतदान द्वारा इस देश के लिए एक नया संविधान मंजूर किया है। कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय के तीसरे साल तक की मुफ़्त शिक्षा , सबके लिए मुफ़्त चिकित्सा के अलावा नदियों, जंगल, पौधों और जानवरों को भी अधिकार मिले हैं। नये संविधान की निसर्ग सम्बन्धी एक धारा कहती है - ‘इन कुदरती संसाधनों को बने रहने, फलने - फूलने और विकसित होने का अधिकार होगा।’