अमृता भारती

अमृता भारती
एक जल
Posted on 19 Feb, 2014 09:04 PM

झर रहा नयाज्ञानोदय, मार्च 2004एक जल
मेघों के लकीरों से

पलकों पर
पत्तों पर
पक्षी के थरथराते पंखो पर

झर रहा एक जल
प्याऊ से
बच्चों की ओक बनी
हथेलियों में

तट पर
आँगन में
तुलसी के चौरे पर
माथे के राग में

विराग में
वंशी के स्वर में
एक जल
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