Posted on 16 Mar, 2014 09:44 AMनदियों से लोक आस्था का गहरा नाता है। वे जीवनदायिनी है, सभ्यता और संस्कृति के सभी बदलाव इन्हीं के इर्द-गिर्द हुए हैं। लेकिन आज जब देश तरक्की के नए सोपान गढ़ रहा है, नदियां विषाक्त होने लगी हैं, उनके स्रोत संकुचित हो गए हैं। यमुना को बचाने के लिए साधु-संतों और किसानों ने दिल्ली में धरना दिया। उधर गोमती का दर्द जानने के लिए कुछ समाजसेवियों, वैज्ञानिकों और परिवर्तनकारी युवाओं ने यात्रा निकाली। पेश