गीली मिट्टी को जितना आसानी से आकार दिया जा सकता है, उसी प्रकार कम उम्र के बच्चों में अच्छी आदतों और संस्कारों में ढाला जा सकता है। उनकी ग्रहण शक्ति और जीवन में सीखी गई बातों को उतारने की तत्परता जिस तीव्रता से बच्चों में देखी जाती है, उस तरह से जीवन की किसी अन्य अवस्था में नहीं देखी जाती। बच्चे न सिर्फ अपने परिवार के, बल्कि पूरे समाज और देश की आशा हैं। उनके जीवन में कुछ महत्वपूर्ण चीजें शामिल हो सकें, इसे ध्यान में रखकर इस मॉड्यूल को तैयार किया गया है।
बच्चों के चार दिवसीय प्रशिक्षण मॉड्यूल के तहत् उनके सीखने और उनके द्वारा की जानी वाली बातों का भी समावेश है। इसका फायदा यह होगा कि बच्चे स्वयं कार्यों को करने और स्पष्ट रूप में आते हुए दृष्टिगत होते सकारात्मक परिणामों को देख पाएँगे। स्वयं ही नहीं, बल्कि वे अपने परिवार जनों को भी साथ-साथ नई और आवश्यक बातों से परिचित करा सकेंगे।
किसी भी कार्यक्रम को बेहतर तरीके से चलाने के लिए व्यक्तियों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं को भी मिल-जूल कर प्रयत्न करना होगा। यूनिसेफ और बिहार शिक्षा परियोजना के सहयोग से इस चार दिवसीय मॉड्यूल का निर्माण किया गया है।
पूरा कॉपी पढ़ने के लिए अटैचमेंट देखें
/articles/vaidayaalaya-savacachataa-evan-savaasathaya-saikasaa-kaarayakarama-0