वैज्ञानिकों ने बनाया प्लास्टिक चट करने वाला एंजाइम

ठोस कचरा
ठोस कचरा


ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ और अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी के नेशनल रिन्युएबल एनर्जी लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने ऐसा एंजाइम विकसित किया है जो प्लास्टिक कचरे की बढ़ती समस्या को दूर कर सकता है। यह एंजाइम प्लास्टिक को गलाकर खत्म करने में सक्षम है। प्लास्टिक बोतलों पर किए गए परीक्षण के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इसके जरिए वे प्लास्टिक को बड़े पैमाने पर रिसाइकिल कर सकेंगे। इससे पर्यावरण में मौजूद प्लास्टिक का कचरा कम हो सकेगा।

 

 

 

 

 

 

1.

8.3 अरब टन आज तक निर्मित हुआ कुल प्लास्टिक

2.

6.3 अरब टन 2015 तक उत्पादित प्लास्टिक कचरा

3.

9% कुल प्लास्टिक कचरे में से रिसाइकिल किया गया कचरा

4.

12% कुल प्लास्टिक कचरे में से जलाकर खत्म किया गया

5.

79% लैंडफिल में डम्प किया गया प्लास्टिक कचरा

 

अनजाने में हुई खोज

शोधकर्ता हाल ही में खोजे गए एक प्राकृतिक एंजाइम की संरचना का अध्ययन कर रहे थे। यह प्राकृतिक बैक्टीरिया जापान के रिसाइकिलिंग सेंटर में खोजा गया था। वैज्ञानिकों द्वारा इस पर एक्स-रे की मदद से प्रयोग करने के दौरान यह बैक्टीरिया अधिक शक्तिशाली एंजाइम पीईटी-एज में बदल गया।

परीक्षण में रहा सफल

प्रयोगशाला में परीक्षण के दौरान इस एंजाइम ने पॉलीइथाइलीन टेरेपथेलेट (पीईटी) में रासायनिक बदलाव करके उसे उसके मूल घटक में परिवर्तित कर दिया। यह प्लास्टिक खाद्य व पेय पदार्थों के निर्माण में सर्वाधिक इस्तेमाल होता है।

 

कचरा बढ़ाती प्लास्टिक बोतलें

1.

10 लाख प्रति मिनट दुनिया में खरीदी जाने वाली प्लास्टिक बोतलें

2.

480 अरब 2016 में खरीदी गई बोतलें

3.

7% बोतलों से ही बनती हैं नई बोतलें

4.

50% इससे भी कम बोतलें रिसाइक्लिंग के लिये बटोरी जाती हैं।

 

प्लास्टिक प्रदूषण होगा कम

1. मौजूदा समय में प्लास्टिक की रिसाइक्लिंग के बाद उससे चटाई और प्लास्टिक रेशों जैसी कम गुणवत्ता वाली चीजें और उत्पाद बनाए जाते हैं।

2. लिहाजा दो प्रकार की पीईटी प्लास्टिक बाजार में मिलती है- वर्जिन ग्रेड और आरपीईटी यानी रिसाइकिल की गई पीईटी

3. वर्जिन ग्रेड को बनाने में क्रूड ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसी प्लास्टिक से बोतलों समेत उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाये जाते हैं।

4. रिसाइकिल किये गये पीईटी से बढ़िया उत्पाद बनाने का अब तक कोई तरीका मौजूद नहीं है।

5. लिहाजा कम्पनियाँ वर्जिन ग्रेड पीईटी का निर्माण करती हैं, जिसमें धन भी लगता है और दुनिया में प्लास्टिक भी बढ़ता है।

6. इस खोज के बाद पीईटी बोतलों को रिसाइकिल कर गुणवत्तापरक बोतलें और उत्पाद बन सकेंगे।

7. इससे मौजूदा प्लास्टिक को पुनः इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और नये प्लास्टिक के उत्पादन पर लगाम लग सकेगी।
 

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