हिमालय पर्वतमाला को विश्व का उत्तम जल स्तम्भ कहा जाता है। हिमालय से पिघलते बर्फ से कई निरन्तर बहती नदियों का जन्म हुआ है जिन पर मानव जीवन निर्भर है। हिमालय में बर्फवारी अक्टूबर से अप्रैल तक होती है, जबकि जनवरी- फरवरी में अधिकतम बर्फ गिरती है। चौखम्भा शिखर के उत्तरी-पश्चिमी भाग पर स्थित गंगोत्री हिमशिखर की 4000 मी0 ऊँचाई पर गौमुख से भगीरथी नदी का उद्गम हुआ है।
भगीरथी नदी की एक सहायक नदी भिलंगना का उद्गम टिहरी गढ़वाल में घुत्तू के उत्तर में खत्लिंग हिमशिखर से हुआ है।
अलकनंदा नदी का उद्गम एक छोटी नदी के रूप में बद्रीनाथ के उत्तर में हिमखण्ड से होता है जो चौखम्भा शिखर के आधार पर है।
विष्णुगंगा नदी का समायोजन अलकनंदा नदी में विष्णुप्रयाग में हुआ है।
भ्युन्दर नदी (ध्वल गंगा) जो अलकनंदा की सहायक नदी है, कामत हिमशिखर के पूर्व से निकली है।
पिंडर नदी पिंडारी हिमखण्ड से निकलती है तथा कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिलती है।
धौलीगंगा नदी, जो अलकनंदा की सहायक नदी है, गढ़वाल और तिब्बत के बीच नीति दर्रे से निकली है। इसमें कई अन्य छोटी नदियॉं मिलती है जैसे - पर्ला, कामत, जैन्ती, अमृतगंगा तथा गिर्थी नदियॉ।
अमृतगंगा नदी कागभुसंड शिखर के बनकुण्ड हिमखण्ड से निकली है।
दूधगंगा नदी कालापानी हिमखण्ड से निकली है।
मंदाकिनी नदी केदारनाथ क्षेत्र में 3800 मी0 ऊँचाई पर सतोपंथ तथा खरक हिम खण्डों से निकली है, तथा बाद में रूद्रप्रयाग के पास अलकनंदा नदी में मिल जाती है।भण्डाल नदी एक वर्षा पर आधारित नदी है तथा देहरादून घाटी में सोंग नदी में मिल जाती है।
बिन्दाल नदी प्राकृतिक स्रोतों से बनी है तथा मसूरी के आधार से निकलती है।
देवप्रयाग में भगीरथी तथा अलकनन्दा के संगम से गंगा नदी बनती है।
यमुना नदी हिमालय की बन्दरपूछॅ चोटी के आधार पर यमुनोत्री हिमखण्ड से निकली है।
टोंस नदी हर-की-दून घाटी से निकलती है तथा कालसी में यमुना नदी में मिलती है।
सोंग नदी दून घाटी के मध्यपूर्वी भाग के पानी को लेकर बनी है तथा ऋषिकेश व हरिद्वार के बीच गंगा में मिलती है।
काली नदी या कालीगंगा का जलागम पूर्वी कुमाऊँ व पश्चिमी नेपाल क्षेत्र है। इसकी सहायक नदियॉं है धोलीगंगा (पूर्वोत्तर कुमाऊँ गोरी गंगा (उत्तर-मध्य कुमाऊँ), सरजू तथा लधिया नदियॉं है।
धौलीगंगा नदी पिथौरागढ़ में काली नदी की सहायक नदी है।
गोला नदी प्राकृतिक स्रोतों द्वारा बनी कुमाऊँ की तलहटी में एक छोटी नदी है, जिसका जलागम शिवालिक पर्वतों पर हल्द्वानी शहर का पूर्वी भाग है।
रामगंगा नदी का जलागम क्षेत्र दक्षिण-पश्चिमी कुमाऊँ है। यह नदी मैदानी क्षेत्र में कालागढ़ पहुँचती है तथा बाद में कन्नौज के पास गंगा नदी में मिलती है।
कोसी नदी प्राकृतिक जल स्रोतों से बनी है तथा अल्मोड़ा के पास से निकलती है।
जाह्नवी नदी उत्तरकाशी के पास भगीरथी नदी में मिलती है।
नन्दाकिनी नदी नन्द प्रयाग के पास अलकनन्दा नदी में मिलती है।
रामगंगा (सरजू) नदी सरजू नदी की एक सहायक नदी है जो काली नदी में मिल जाती है। यह नदी गढ़वाल व कुमाऊँ के मध्य दक्षिण-पूर्वी ढाल पर छोटे से हिमखण्ड से निकली है।
भगीरथी , अलकनन्दा एवं गंगा की मुख्य सहायक नदियॉं
भगीरथी --- जाह्नवी (उत्तरकाशी) + भिलंगना (टिहरी) अलकनन्दा --- मंदाकिनी (केदारनाथ) + पिंडर (कर्णप्रयाग) + नन्दाकिनी (नन्दप्रयाग) + धौलीगंगा गंगा --- भगीरथी + अलकनन्दा (देवप्रयाग)
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