उत्तराखंड की काली गंगा


पिथौरागढ़ जिले में एक नदी बहती है जिसे काली गंगा भी कहा जाता है। इस नदी को शारदा नदी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता कि देवी काली के नाम से इसका नाम काली गंगा पड़ा। काली नदी का उद्गम स्थान वृहद्तर हिमालय में ३,६०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित कालापानी नामक स्थान पर है, जो भारत के उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में है। इस नदी का नाम काली माता के नाम पर पड़ा जिनका मंदिर कालापानी में लिपु-लेख दर्रे के निकट भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित है।

 

 

काली नदी
टनकपुर में शारदा नदी और भारत-नेपाल सीमा।
देश भारत, नेपाल
लम्बाई ३५० कि.मी. (२१७ मील)
विसर्जन स्थल गंगा की सहायक नदी
उद्गम वृहद्तर हिमालय क्षेत्र
- स्थान उत्तराखंड, भारत
- ऊँचाई ३,६०० मी. (११,८११ फीट)
मुख गंगा की सहायक नदी
- स्थान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, भारत
 

काली नदी जौलजीबी नामक स्थान पर गोरी नदी से मिलती है। यह स्थान एक वार्षिक उत्सव के लिए जाना जाता है। उसके बाद यह काली नदी के नाम से आगे बढ़ती है और पंचेश्वर में उत्तराखण्ड के कुमांऊ क्षेत्रों की लगभग सभी बड़ी नदियों को अपने में समेट कर आगे बढ़ती है और टनकपुर होते हुये बनबसा में पहुंचती है और यहां से इसे शारदा नदी के नाम से जाना जाता है आगे चलकर यह नदी, करनाली नदी से मिलती है और बहराइच जिले में पहुँचने पर इसे एक नया नाम मिलता है,सरयू और आगे चलकर यह गंगा नदी में मिल जाती है। इस प्रकार यह नदी दुति, धारचूला से लेकर बहराइच तक भारत-नेपाल सीमा के सीमांकन के रुप में भी कार्य करती है।
 

 

 

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