राज्य में अब तक 58 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की कांग्रेस इकाई के नेताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर सूखे की स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय विकास प्राधिकरण गठित कर विशेष पैकेज की मांग की थी।
उधर मध्य प्रदेश के अधीन बुंदेलखंड क्षेत्र के छह जिलों में भी उत्तर प्रदेश जैसी ही स्थिति है लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे पर फिलहाल चुप है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन के अनुसार प्रधानमंत्री ने दोनों राज्यों में फैले इस क्षेत्र में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अलग से बुंदेलखंड केंद्रीय विकास प्राधिकरण के गठन के लिए योजना आयोग को निर्देश जारी किया है।
आयोग के सदस्य पी.के.चतुर्वेदी ग्रामीण विकास मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर अलग प्राधिकरण की संभावनाओं पर विचार-विमर्श कर चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा एतराज जताया है।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
उधर मध्य प्रदेश के अधीन बुंदेलखंड क्षेत्र के छह जिलों में भी उत्तर प्रदेश जैसी ही स्थिति है लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे पर फिलहाल चुप है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन के अनुसार प्रधानमंत्री ने दोनों राज्यों में फैले इस क्षेत्र में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अलग से बुंदेलखंड केंद्रीय विकास प्राधिकरण के गठन के लिए योजना आयोग को निर्देश जारी किया है।
आयोग के सदस्य पी.के.चतुर्वेदी ग्रामीण विकास मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर अलग प्राधिकरण की संभावनाओं पर विचार-विमर्श कर चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कड़ा एतराज जताया है।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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