उत्तम खेती आप सेती। मध्यम खेती भाई सेती।
निकृष्ट खेती नौकर सेती। बिगड़ गई तो बलाये सेती।।
भावार्थ- जो किसान का कार्य स्वयं करता है वह उत्तम होता है, जो भाई के भरोसे रहता है। वह मध्यम होता है और जो नौकर के भरोसे खेती कराता है वह निकृष्ट होता है। उसकी खेती यदि बिगड़ गयी तो नौकर की बला से।
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