सारांश
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (Information and Communication Technology, ICT) एक व्यापक क्षेत्र है, जिसमें सूचना के संचार के लिये हर तरह की प्रौद्योगिकी समाहित है। यह वो प्रौद्योगिकी है जो कि सूचना के संचालन (रचना, भंडारण और उपयोग) की योग्यता रखता है तथा संचार के विभिन्न माध्यमों (रेडियो, टेलिविजन, सेलफोन, कम्प्यूटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, विभिन्न सेवाओं और अनुप्रयोगों) से सूचना के प्रसारण की सुविधा प्रदान करता है। कृषि, स्वास्थ्य, शासन प्रबन्ध और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आई.सी.टी. के विकास का प्रभाव है। यह लेख उच्च शिक्षा में आई.सी.टी. की भूमि को केंद्रित कर रहा है। शैक्षिक अवसरों को विस्तृत करने, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये आई.सी.टी. एक प्रभावशाली साधन है। सरकार आई.सी.टी. पर बहुत खर्च कर रही है। उच्च शिक्षा में बढ़ता नामांकन अनुपात तथा शिक्षा के विस्तार में प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता में आई.सी.टी. की भूमिका पर नेशनल मिशन ऑफ एजुकेशन बल देता है। आई.सी.टी. के शिक्षा में अभिग्रहण के प्रमुख कारक है- किसी भी प्रणाली का लक्ष्य, कार्यक्रम और पाठ्यक्रम, पढ़ने तथा पढ़ाने के तरीके, अधिगम सामग्री और संसाधन, संवाद, समर्थन और वितरण प्रणाली छात्र एट्यूटर्स, स्टाफ और अन्य विशेषज्ञ, प्रबंधन और मूल्यांकन। अतः आई.सी.टी. के कार्यान्वयन से उच्च शिक्षा में निश्चित ही सुधार होगा।
Abstract : ICT is a broader term that includes all technologies for the communication of information. It is the technology that enables the handling (creation, storage and access) of information and facilitates different forms of communication (radio, television, cellular phones, computer, hardware and software, various services and applications for broadcasting information. The development of ICT has influenced all walks of life like agriculture, health, decision making, administration and also education is no exception to this. This article focuses on the role of ICT in higher education. ICT is potentially a powerful tool for extending educational opportunities and resulting in a remarkable growth in the higher education sector and leading to quality enhancements. The government is spending a lot of money on ICT: the National Mission on Education is emphasizing on the role of ICT in increasing the enrolment ratio in higher education and availability of trained teachers in the process of dissemination of education. The main factors that affect the adoption of ICT in education are the mission or goal of a particular system, programs and curricula, teaching/learning strategies and techniques, learning material and resources, communication, support and delivery systems, students, tutors, staff and other experts, management and evaluation.
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें सूचना के संचार के लिये हर तरह की प्रौद्योगिकी समाहित है। यह वो प्रौद्योगिकी है जो कि सूचना के संचालन (रचना, भंडारण और उपयोग की योग्यता रखता है तथा संचार के विभिन्न माध्यमों (रेडिया टेलिविजन, सेल फोन, कंप्यूटर और नेटवर्क, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, सेटेलाइट सिस्टम, विभिन्न सेवाओं और अनुप्रयोगों) से सूचना के प्रसारण की सुविधा प्रदान करता है। आई.सी.टी. कई लोगों के जीवन का अविभाज्य तथा स्वीकृत अंग बन गया है। कृषि, स्वास्थ्य, शासन प्रबन्ध और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में के विकास का प्रभाव है। आई.सी.टी. एक विविध संग्रह है जिसमें विभिन्न प्रौद्योगिकी उपकरण निहित हैं। साथ ही साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग और इलेक्ट्रॉनिक मेल आदि जैसे प्रोटोकॉल और सेवाएँ भी सम्मिलित हैं। आई.सी.टी. एक प्लंबिंग प्रणाली की तरह है जहाँ सूचना (संग्रहित पानी) सूचना प्रौद्योगिकी (भण्डारण टंकी) में संचयित होती है तथा संचार प्रौद्योगिकी (पाइप) के माध्यम से संचार (बहता हुआ पानी) प्रापक के पास पहुँचता है। उपयोगी डाटा और सूचना के सृजन, संचरण, भंडारण, पुनः प्राप्ति और डिजिटल रूपों में संचालन जैसी आई.सी.टी. की डिजिटल प्रौद्योगिकी सूचना के पूरे चक्र में प्रयोग में लाई जाती है। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक हैं-
1. कम्प्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी - इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह करने वाली युक्तियाँ आती हैं।
2. कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी - इसके अंतर्गत ऑपरेटिंग सिस्टम वेब ब्राउजर डाटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS) सर्वर तथा व्यापारिक, वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर आते हैं।
3. दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी - इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रोसेसर तथा इंटरनेट से जुड़ने के लिये तार या बेतार पर आधारित सॉफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
4. मानव संसाधन - तंत्र प्रशासक (System Administrator) नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की महत्ता निम्नलिखित है-
1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र (Service Economy) का आधार है।
2. पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये सूचना प्रौद्योगिकी एक उपयुक्त तकनीक है।
3. गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
4. सूचना-संपन्नता से सशक्तिकरण होता है।
5. सूचना तकनीकी, प्रशासन आर सरकार में पारदर्शिता लाती है, इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है।
6. सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
7. यह नये रोजगारों का सृजन करती है।
उच्च शिक्षा में आई.सी.टी. का बहुत महत्त्व है। निवेश से लेकर प्रबंधन, दक्षता, शिक्षा शास्त्र, गुणवत्ता, अनुसंधान और नवाचार के प्रमुख मुद्दों से निपटने के लिये इस्तेमाल किये जाने वाली प्रौद्योगिकियों तक, उच्च शिक्षा में आई.सी.टी. के परिचय से पूरी शिक्षा प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
उच्च शिक्षा में आई.सी.टी. के अभिग्रहण से निम्नलिखित सुविधाएँ प्राप्त होती हैं-
1. दूरवर्ती स्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
2. उच्च शिक्षा संस्थानों में अधिक पारदर्शिता प्रणाली लाने से उनकी प्रक्रियाओं और अनुपालन मानदंडों को मजबूती मिलती है।
3. यह छात्रों के प्रदर्शन, नियुक्ति, वेबसाइट एनालिटिक्स, और ब्रांड के ऑडिट के लिये सोशल मीडिया मेट्रिक्स का विश्लेषण करने के लिये प्रयोग किया जाता है।
4. इंटरनेट (वर्चुअल क्लास रूम), उपग्रह और अन्य माध्यमों द्वारा पाठ्यक्रम वितरण के साथ दूरस्थ शिक्षा सुविधाजनक बना दी गयी है।
शिक्षण में कम्प्यूटर आधारित शिक्षा तकनीकों का उपयोग भारत की प्रसिद्ध शिक्षा प्रणाली और संस्थानों द्वारा अपनाया गया है। शब्दों और प्रतीकों की विविधता कम्प्यूटर की महान शक्ति है जो शैक्षणिक प्रयास का केंद्र है। ई-लर्निंग और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षण अधिक रोचक और आसान हो रहा है। इंटरनेट तथा वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से शिक्षक अपने विद्यार्थियों तक पहुँच सकते हैं और उनको घर बैठे पढ़ा सकते हैं। इंटरनेट मानव ज्ञान का एक उच्चतम संग्रह है। आई.सी.टी. डिजिटल पुस्तकालय जैसे डिजिटल संसाधनों के सृजन की अनुमति देता है, जहाँ विद्यार्थी, शिक्षक और व्यवसायी शोध सामग्री तथा पाठ्यक्रम सामग्री तक पहुँच सकते हैं। आई.सी.टी. शैक्षणिक संस्था के दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक गतिविधियों को आसान और पारदर्शी तरीके से नियंत्रित करने तथा समन्वय और निगरानी के लिये अवसर प्रदान करता है। पंजीकरण/नामांकन, पाठ्यक्रम आवंटन, उपस्थिति की निगरानी, समय सारिणी/वर्ग अनुसूची, प्रवेश के लिये आवेदन, छात्रों के दाखिले में जाँच इस तरह की जानकारियाँ ई-मीडिया द्वारा पाई जा सकती हैं।
आई.सी.टी. के सन्दर्भ में एक खोजपूर्ण प्रयास की आवश्यकता है। प्रेरणा शक्ति को प्रोत्साहित करने का यह सही समय है क्योंकि आशा है कि आई.सी.टी. के परिपालन से जीवन के हर क्षेत्र में प्रबल उन्नति को प्राप्त किया जा सकता है।
अवलोकित संदर्भ
1. डेवलेपिंग रिसर्च-बेस्ड लर्निंग यूजिंग आई.टी.सी. इन हायर एजूकेशन करीकुला-द रोल ऑफ रिसर्च एण्ड इवेल्यूएशन, http://Knowledge.cta.int/en/content/view/full/12690
2. फरहनी, ए.जे. (2008) ई-लर्निंगः ए न्यू पैराडिज्म इन एजूकेशन, अनिल वर्मा (सम्पादक), ‘‘इन्फॉर्मेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी’’, प्रथम संस्करण, इक्फाई यूनिवर्सिटी प्रेस, हैदराबाद, मु.पृ. 25-26।
3. सलेम, शख (2012) रोल ऑफ आई.सी.टी. एज ए क्वालिटी टीचिंग टूल, एन इंटरनेशनल मल्टीडिसप्लीनरी जर्नल।
4. मीनाकुमारी जे. एवं कृष्णावेनी, आर. (2010) आई.सी.टी. बेस्ड एण्ड लर्निंग इन हायर एजूकेशन-ए स्टडी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कम्प्यूटर एण्ड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज।
लेखक परिचय
श्वेता सिन्हा
असिस्टेन्ट प्रोफेसर, कम्प्यूटर विज्ञान विभाग, नेशनल पी.जी. कॉलेज, लखनऊ-226001, उ.प्र., भारत, singh_shweta2005@yahoo.com
शालिनी लाम्बा
अध्यक्ष, कम्प्यूटर विज्ञान विभाग, नेशनल पी.जी. कॉलेज, लखनऊ-226001, उ.प्र., भारत, shalinilamba22@gmail.com
प्राप्त तिथि-06.07.2016 स्वीकृत तिथि-22.08.2016
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