तृतीय अंतरराष्ट्रीय नदी महोत्सव 2013

‘नर्मदा समग्र’ नर्मदा को सुंदर और पवित्र रखने का एक प्रयास है। पर्यावरण संतुलन के सूत्र में नदी का अपना एक महत्व है। वर्तमान दौर नदियों के लिए बहुत अच्छा नहीं प्रतीत हो रहा है। कटते जंगल, अंधाधुंध शहरी नालों का नर्मदा में गिराए जाना, नदी तटों पर कब्ज़े की होड़, सूखते चुएं आदि इन व्यवहारों से नर्मदा जैसी प्राचीन नदी भी नहीं बच पा रही है। ‘नर्मदा समग्र’ इस पुण्य सलिला के सभी आयामों पर आपसी संवाद, संयुक्त प्रयास, सबकी सहभागिता चाहता है। अंतरराष्ट्रीय नदी महोत्सव इसी क्रम में एक कड़ी है। अनिल माधव दवे इस प्रयास के सूत्रधार हैं।

स्थान : बाद्राभान, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश
तारीख : 08-10 फरवरी 2013


उद्गम से संगम तक बहने वाली हर छोटी-बड़ी नदी, किसी भी एक क्षेत्र, प्रांत या देश की नहीं है, हम सबकी है। उसमें बदलाव सभी को प्रभावित करता है। इसलिए चिंता सभी को करनी होगी। इस महोत्सव में हम नदी, उसके प्रति हमारी नीतियों और नियमों पर विचार करेंगे। नेतृत्व के विभिन्न आयामों की भूमिका तलाशेंगे। अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार संकल्प लेंगे।


नदी महोत्सव दैनिक कार्यक्रम
08 फरवरी 2013 - पहला दिन : नीति

छोटे समूहों में चर्चा ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागी अपनी बात कह सकें। नदी व जल पर काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन मिलजुल कर नदी नीति पर चर्चा करेंगे, एक आधार पत्र बनाएँगे।

9.00 पंजीयन (रजिस्ट्रेशन)
10.30 मुख्य सभागृह में संयुक्त बैठक
11.15 जिलाश: बैठकें (स्वयं सेवी संगठन व प्रतिभागी)
12.15 जिलाश: बैठकें (स्वयं सेवी संगठन व प्रतिभागी)
13.30 भोजन
15.00 उद्घाटन सत्र
16.30 चाय
17.00 सामूहिक सत्र (प्रारंभिक दो सत्रों में प्राप्त विचारों का प्रतिवेदन)
18.00 नर्मदा संवाद व दीपदान
19.00 सांस्कृतिक कार्यक्रम

09 फरवरी 2013 - दूसरा दिन : नियम
विधि संस्थाएं, विश्वविद्यालय, जंगल और जमीन पर काम करने वाली संस्थाओं के विशेषज्ञ और विद्यार्थी ‘नियम’ विषय पर आधार पत्र तैयार करने का प्रयत्न करेंगे। विधि की बारीकियों में नदी व उसके जल ग्रहण क्षेत्र के संरक्षण हेतु मार्ग ढूंढेंगे।

9.30 सामूहिक सत्र
11.00 चाय
11.30 विषयवार बैठकें (विशेषज्ञों की)
13.00 भोजन
14.30 विषयवार बैठकें (विशेषज्ञों की)
16.00 चाय
16.30 सामूहिक सत्र (विषयवार बैठकों का प्रतिवेदन)
18.00 नर्मदा संवाद व दीपदान
19.00 सांस्कृतिक कार्यक्रम

10 फरवरी 2013 - तीसरा दिन : नेतृत्व
(प्रशासनिक, राजनैतिक, धार्मिक, आर्थिक इत्यादि नेतृत्व कर्ता)
समागम होगा, नर्मदा किनारे के गांवों के सरपंच, दूर-दूर से आए जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और अलग-अलग क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहे महानुभावों का। सामाजिक बातचीत को फिर से सरस बनाने पर चर्चा होगी। कौन क्या काम करेगा। इस पर निर्णय व कार्यक्रम बनेंगे।

9.30 सामूहिक सत्र
10.30 चाय
11.00 जिलाश: बैठकें (सरपंच, सचिव व अन्य नेतृत्वकर्ता)
13.00 भोजन
14.30 समापन सत्र
16.00 चायपान व प्रस्थान

मार्गदर्शक मंडल :
श्री देवदत्त माधव धर्माधिकारी (पूर्व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय)
श्री गिरधर मालवीय (पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय)
श्रीमान अमृतलाल वेगड़ (अध्यक्ष, नर्मदा समग्र)
श्रीमान बनवारी (समाजशास्त्री व लेखक)

संयोजक
श्री अनिल माधव दवे

संपर्क :
नर्मदा समग्र “नदी का घर”, सीनियर एमआईजी-2, अंकुर कॉलोनी,
शिवाजी नगर, भोपाल-462016, मध्य प्रदेश, भारत

फोन नं. : +917552460754

ईमेल : narmadasamagra@gmail.com,
narmadasamagra@rediffmail.com

http://www.narmadasamagra.org/

प्रतिभागी पंजीयन हेतु प्रपत्र संलग्न है। वेब साईट : http://www.narmadasamagra.org/ पर ऑनलाइन पंजीयन भी किया जा सकता है। विस्तृत जानकारी के लिए अटैचमेंट देखें।

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