तपिश बढ़ने के साथ फिर धधके कुमाऊँ के जंगल

रविवार को पिथौरागढ़ के जंगलों में लगी भीषण आग से वन संपदा को भारी नुकसान
रविवार को पिथौरागढ़ के जंगलों में लगी भीषण आग से वन संपदा को भारी नुकसान

अल्मोड़ा जिला के सोमेश्वर क्षेत्र में जीतब व टोटाशिलिंग के जंगलों में पिछले दो दिनों से आग धधक रही हैं। जिस कारण तापमान में वृद्धि और आसमान में धुंए की धुंध से भी लोग परेशान होते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वन महकमा जंगलों की आग पर काबू पाने में नाकाम साबित हो गया है। दावाग्नि से ग्रामीणों के आरक्षित वन क्षेत्र और वन पंचायतें भी जलकर जला रहे हैं।

वन विभाग के रेंजर बिशन लाल का कहना है कि जीतब और टोटाशिलिंग के जंगलों के अलावा बिलोरी के जंगल भी दावाग्नि की चपेट में हैं। आग बुझाने को विभाग के कर्मचारी मौके पर गए हैं। लेकिन तेज हवाओं के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है।

बागेश्वर। जिले के जंगलों में आग का कहर जारी है। बीती रात आरे और द्यांगन के जंगल जलते रहे। वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद वनाग्नि को रोका नहीं जा रहा है। जिले में अब तक आग लगने की 33 घटनाएं हो चुकी हैं।

आरे और द्यांगण गाँव नगर से सटे हुए हैं। बीते रोज भी रात के समय अचानक जंगल में आग लग गई। हवा का साथ मिलते ही आग तेजी से फैलने लगी। देखते ही देखते जंगल का बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ गया। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित किया। विभागीय कर्मचारी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। जिससे वन कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

80 हजार की वन सम्पदा नष्ट हुई आग की 33 घटनाओं में

दन्या क्षेत्र में सकुनिया के जंगल आग से धधकती हुई दन्या क्षेत्र में सकुनिया के जंगल आग से धधकती हुई

वन विभाग के अनुसार अब तक जिले में आग की 33 घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें 40 हेक्टेयर से अधिक जंगल जले हैं। 80 हजार रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। डीएफओ बीएस शाही ने बताया कि वनाग्नि को रोकने के लिए 29 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। 116 फायर वॉचर्स की तैनाती की गई है। इसके अलावा पीआरडी जवानों की सेवा भी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ अराजक तत्व जंगलों को आग के हवाले कर रहे हैं।

तेज हवाओं के कारण तेजी से फैल रही है जंगल की आग

अक्सर रात के समय आग लगने की घटनाएं हो रही है। उन्होंने ग्रामीणों से वन विभाग को सहयोग करने और आग लगाने वालों को पकड़वाने में मदद करने की अपील की। शाही ने बताया कि आरे और द्यांगण के जंगलों की आग रविवार की शाम तीन बजे बुझा दी है।

जंगलों की आग से प्रदूषण बढ़ा

दन्या। जंगलों की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। विकास खंड धौलादेवी के दन्या के दूरस्थ जंगल काभड़ी और सकुनिया के जंगलों में दो तीन दिनों से आग लग हुई है।

विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है। जिसमें हजारों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। विभाग की लापरवाही के कारण जंगलों के नष्ट होने का सिलसिला जारी है। वनाग्नि की घटनाओं से पहाड़ों का वातावरण काफी दूषित हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि असामाजिक तत्व जंगलों को आग के हवाले कर रहा है। लेकिन विभाग की ओर से ऐसे लोगों की धरपकड़ नहीं की जा रही है। ऐसे में वन संपदा का नुकसान हो रहा है।

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