स्मार्ट जल क्षेत्र (भाग 2)

प्रतिकात्मक तस्वीर
प्रतिकात्मक तस्वीर

स्मार्ट जल क्षेत्र का तात्पर्य है जल की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए उसका प्रबंधन और वितरण। स्मार्ट प्रारूप में जल की निरतंर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमें दो प्रमुख बिन्दुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो गैर-राजस्व जल में कमी और अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे अनेक स्मार्ट समाधान हैं, जिन्हें भारत द्वारा भावी स्मार्ट जल क्षेत्र की ओर अग्रसर होने के लिए अपनाया जा सकता है। इनमें से कुछ निम्नलिखित है।

  • 1. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीक का कार्यान्वयन, इस तकनीक हेतु जल प्रणाली के विश्लेषण और निगरानी करने के लिए जल से सम्बन्धित आंकड़ों को, लम्बी दूरी पर वायरलेस तकनीक से एक केन्द्रीय डैशबोर्ड पर निर्वाध रूप से प्रेषित करने की आवश्यकता होगी।
  • 2. सेंसर, सुदूर संवेदन, भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीकों और अदृश्य उपकरण सेवा क्षेत्र, जलविभाजक और क्षेत्रीय स्तर पर जल संसाधनों के प्रबंधन के कुछ प्रमुख माध्यम हैं।
  • 3. उपग्रहों और ड्रोन जैसी सुदूर संवेदन/प्रतिविम्व तकनीकों का उपयोग अलग-अलग या एक साथ किया जा सकता है ताकि जल संसाधनों के मानचित्रण, जल प्रवाह मापन और जल उपक्रम परिसम्पत्ति के प्रबंधन के लिए आंकड़े प्रदान किए जा सकें। इस तरह की तकनीकों से प्राप्त आंकड़े वर्षा के कारण प्रवाह की घटनाओं के लिए जल संसाधन प्रबंधकों और जल उपक्रमों के बेहतर प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। वह यह दशति हैं कि सूखे की अवधि के दौरान संरक्षण प्रणालियों को कब प्रयोग किया जाना चाहिए। साथ ही ये तकनीकें उपभोक्ताओं तक उपचारित जल का पहुंचाया जाना भी सुनिश्चित कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त उपग्रह आंकड़ों का उपयोग जल की गुणवत्ता के आंकड़ों और जलविज्ञान सम्बधी पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए भी किया जा सकता है, जिसका उपयोग यथास्थान मापन के साथ किए जाने, से जल उपक्रम संचालकों को, जल की गुणवत्ता के पहलुओं और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करता है।
  • 4. नए और वर्तमान स्थिर और मोबाइल सेंसरों का उपयोग अन्य मापदंडों के अतिरिक्त जल की गुणवत्ता, जल प्रवाह, जल दवाव और जल स्तर पर वास्तविक समय आंकड़े प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। दैनिक संचालन में सहायता के लिए सेंसरों को पूरी जल प्रणाली में स्थापित किया जा सकता है। जिससे जल उपक्रमों का इष्टतम उपयोग किया जा सके। ये सेंसर लगातार होने वाली हानिकारक घटनाओं जैसे कि पाइप फटना, जल के मलिन होने, सीवर अवरुद्ध होने का पता लगाने, तथा उसका उपचार करने और उन्हें सक्रिय रूप से रोकने में सहायक हो सकते हैं।
  • 5. स्मार्ट मीटर का उपयोग उपभोक्ता के जल के उपयोग को अभिलेखित करने के लिए किया जा सकता है जो जल के उपयोग की स्पष्ट जानकारी प्रदान करेगा और उपभोक्ता तथा जल उपक्रम दोनों को उपयुक्त आंकड़े प्रदान करेगा जिससे जल प्रबंधन बेहतर किया जा सकेगा।
  • 6. जल प्रणाली में कृत्रिम बुद्धिमता (AI) का उपयोग जल उपक्रमों के युक्तिपूर्ण और लाभप्रद संचालन को सुनिश्चित कर सकता है जिसमें परियोजनाओं के बेहतर नियोजन व निष्पादन, वास्तविक समय में संसाधन हानि की बेहतर निगरानी एवं समझ, अधिक कुशल संग्रह तथा वितरण नेटवर्क, अधिकतम राजस्व प्राप्ति और उपभोक्ताओं की संतुष्टि सम्मिलित है।
  • 7. संवर्धित और आभासी वास्तविक तकनीकें डिजिटल जल प्रणाली में अपना अनूठा योगदान प्रदान करती हैं। संवर्धित और आभासी वास्तविक तकनीक में पाइप, केबल और अन्य परिसम्पत्तियों का होलोग्राफिक रूपांकन प्रदान करके कार्यक्षेत्र में निर्णय लेने में सहायक होने और कर्मियों के लिए समग्र, परिदृश्य आधारित प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता है।
  • 8. जलाशय संचालन, बाढ़ पूर्वानुमान और जल आप्लायन मानचित्र, उपग्रह ड्रोन/भौगोलिक सूचना तंत्र कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग करके बाढ़ के प्रकोप को कम करने में सहायता कर सकता है।

स्मार्ट जल निगरानी (वॉटर मीटरिंग)

स्मार्ट जल निगरानी, जल उपयोगों को अधिक तीव्रता और कुशलता से आंकड़े एकत्र करने में सक्षम बनाती है। आईएचएस मार्किट के अनुसार, 2023 में लगभग पचास मिलियन स्मार्ट वॉटर मीटर वैश्विक स्तर पर भेजे जाएंगे।

उन्नत मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (AMI), उपयोग के बिंदु पर और पूरे वितरण प्रणाली में प्रवाह आँकड़े एकत्र करता है। इस जानकारी का उपयोग, तंत्र के संचालन तथा किसी उपयोगकर्ता द्वारा जल उपयोग में परिवर्तन को देखने के लिए किया जा सकता है, जिससे रिसाव द्वारा जल हानि की जानकारी प्राप्त हो सकती है।

एक उपयोगकर्ता जल के उपयोग की रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकता है जिसमें उपयोग के बिंदु पर एकत्र किया गया आँकड़ा शामिल है ताकि यह देखा जा सके कि वे अपने पड़ोसियों या अन्य ग्राहकों की तुलना में जल के मामले में कितने कुशल हैं। उपयोगकर्ता इस जानकारी का उपयोग पेयजल नेटवर्क में दबाव क्षेत्रों को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं।

आईओटी स्मार्ट जल प्रबंधन

आईओटी-आधारित जल प्रबंधन प्रणाली, आईओटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के माध्यम से जल संसाधनों की योजना बनाने, आवंटन और निगरानी करने और पाइप और पंप जैसे सम्बन्धित उपकरणों को बनाए रखने की एक प्रक्रिया है।

आईओटी-सक्षम जल प्रबंधन प्रणालियाँ, सेंसर, नियंत्रक, मीटर और मोबाइल, वेब ऐप्स और ऑकड़ा प्रक्रमण और विश्लेषण टूल से जुड़े अन्य उपकरणों का उपयोग करती हैं। यह कुशल जल आपूर्ति प्रबंधन, स्वच्छ जल की गुणवत्ता की जाँच, प्रदूषण की जानकारी और अन्य कार्यों के लिए एक उपयुक्त तंत्र के रूप में कार्य करता है।

जल प्रबंधन प्रणालियों में आईओटी समाधान

आईओटी जल प्रबंधन समाधानों के विभिन्न उपयोग कार्य हैं। जिनमें प्रमुख कार्य निम्न हैं।

1. उच्च तकनीक उपकरण

पम्प, मिक्सर, जल प्रबंधन प्रौद्योगिकियां और सेंसर जो स्वयं-अनुकूलन कर सकते हैं, तकनीकी उन्नत उपकरणों के उदाहरण हैं। परिणामस्वरूप, जल आपूर्ति प्रबंधन निकायों के उपकरणों के रखरखाव और निगरानी में कम समय और घन की आवश्यकता होती है।

2. स्मार्ट नेटवर्क

स्मार्ट नेटवर्क, वास्तविक समय प्रतिक्रियाशील सिस्टम प्रबंधन को सक्षम बनाने के लिए उपकरणों से अनेक आँकड़े एकत्र करते हैं। यह जल प्रबंधकों के लिए उपकरणों के निरन्तर संचालन को संभव बनाता है।

3. डिजिटल समाधान

डिजिटल समाधान सक्रिय सिस्टम प्रबंधन प्रदान करने के लिए एल्गोरिदम के साथ उपकरण से वास्तविक समयावधि आंकड़ों को एकीकृत करते हैं। इसके उपयोग से, जल प्रबंधक, सीवेज और चक्रवात के कारण प्राप्त जल के अतिप्रवाह का उपयुक्त प्रबंधन कर जल संसाधन संरचनाओं का उपयुक्त रखरखाव कर सकते हैं और अपनी संपत्ति की स्थिति का आंकलन कर सकते हैं।

1. स्मार्ट सिंचाई

ये आईओटी-आधारित जल मांग सिंचाई को सक्षम बनाते हैं। वे सेंसर की सहायता से मृदा तापमान और आर्द्रता की जांच, मौसम के पूर्वानुमान का विश्लेषण, जल प्रदान करने के कैलेंडर को तैयार करने और एकत्रित आंकड़ों के आधार पर उपयुक्त सिंचाई रणनीति का सुझाव देते हैं। हमारा स्मार्ट स्टैंडअलोन प्लेटफॉर्म, स्मार्ट सिंचाई सुविधाओं का समर्थन करता है, जिससे पौधों से सर्वोत्तम स्वास्थ्य और उपयुक्त पैदावार प्राप्त होती है।

2. जल प्रणाली अखंडता

आईओटी के सेंसर, स्मार्ट जल प्रबंधन द्वारा अन्य समाधानों में भी शामिल हैं जो पाइप और अन्य सम्पत्तियों में क्षति का आंकलन करते हैं। वे जल रिसाव और जल संसाधन क्षति को रोकने में सहायता करते हैं। बाजार में ऐसे बहुत सारे उपकरण उपलब्ध हैं। संवेदित जल रिसाव और तापमान सेंसर द्वारा स्ट्रिप्स ड्रिप उनमें से एक है।

3. स्मार्ट जल निगरानी

स्मार्ट जल निगरानी प्रणालियों में उपरोक्त खण्ड में उल्लेखित जल प्रणात्ती की अखंडता और सिंचाई सुविधाएं शामिल हैं। उनमें जल की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए सेंसर, टेलीमेट्री उपकरण, वर्षा जल प्रबोधन के लिए उपकरण आदि शामिल हैं। यह सब जल की निगरानी और बाद में एकत्रित आंकड़ों के आधार पर प्रभावी निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। हमारा स्मार्ट स्टैंडअलोन समाधान ऐसी प्रणाली का एक उदाहरण है, क्योंकि इसकी वास्तुकला किसी भी प्रोटोकॉल के माध्यम से विभिन्न जल निगरानी सेंसर को परस्पर संबद्ध करने की अनुमति देती है।

1. स्मार्ट जल प्रबंधन

आईओटी तकनीक का उपयोग करने वाली एक स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली में उन्नत आंकड़ा विश्लेषण उपकरण के साथ संयुक्त विभिन्न जल निगरानी उपकरण और सेंसर शामिल हैं। ये स्मार्ट मीटरिंग, उपयोगकर्ता डैशबोर्ड और जल प्रबंधन स्वचालन के लिए उपयुक्त समाधान हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए, स्मार्ट स्टैंडअलोन, स्मार्ट सिंचाई, जल रिसाव का पता लगाने, या आवश्यक जल स्थिति मापदंडों के समर्थन जैसे असीमित स्वचालन परिदृश्यों के निर्माण को सक्षम बनाता है। आईओटी प्रौद्योगिकियों के कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरण - 

1. वर्षा एवं चक्रवाती जल प्रबंधन

चक्रवाती जल नालियों और सीवर प्रणालियों में लगाए गए आईओटी सेंसर, जल प्रवाह दर और जल गुणवत्ता की निगरानी करते हैं। इसके द्वारा एकत्रित आंकड़ों के आधार पर, जल निकासी प्रणालियों को अनुकूलित करना और भारी वर्षा के दौरान बाढ़ प्रबन्धन करना संभव है। वैकल्पिक रूप से, चक्रवाती जल प्रबंधन प्रणालियाँ, जलसंभरों को प्रदूषण से बचाने और चक्रवाती जल प्रबन्धन में सहायता कर सकती हैं। बाल्टीमोर में स्मार्ट तालाब तकनीक इसका एक उदाहरण है। यह समाधान वर्षा जल का प्रबंधन करने के लिए, क्लाउड आधारित तकनीक का उपयोग करता है और जल प्रवाह को तदनुसार समायोजित करने के लिए तालाब से वास्तविक समय के मौसम पूर्वानुमान आँकड़ों का लाभ उठाता है।

2. जल उपचार संयंत्र

जल उपचार संयंत्रों में आईओटी, जल शुद्धिकरण प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है। जल की गुणवत्ता के मापदंडों जैसे जल अपशिष्ट, पी.एच. मान और प्रदूषक स्तर को मापने वाले सेंसर, संयंत्र संचालकों को अपवाह नियामक मानकों को सुनिश्चित करने में सहायता करते हैं। वेओलिया जैसी कंपनियों, IOT का उपयोग करके जल उपचार समाधान प्रदान करती हैं।

3. बाढ़ प्रबंधन

बाढ़ संभावित क्षेत्रों, नदियों और जल निकासी प्रणालियों में जल स्तर सेंसर संस्थापित करने से बाढ़ पूर्वानुमान में सहायता मिल सकती है। ऐतिहासिक मौसम और सेंसर आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले एमएल एल्गोरिदम के साथ मिलकर, अधिकारी प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं और समय पर प्रतिक्रिया कर सकते हैं। डच बाढ़ सुरक्षा कार्यक्रम, वाढ़ सुरक्षा के लिए आईओटी और अन्य नवाचारों का लाभ उठाने का एक श्रेष्ठ उदाहरण है।

4. ग्रीनहाउस और कृषि

मृदा गुणवत्ता सेंसर आंकड़ों द्वारा निर्देशित, निर्धारित आधार पर ग्रीनहाउस या कृषि सुविधाओं में पौधों की स्मार्ट वॉटरिंग को लागू करने से फसल की खेती में सुधार और जल संसाधनों के संरक्षण में सहायता मिलती है। यह जल संरचना का विश्लेषण करके और पौधों और मृदा को आवश्यकतानुसार पोषक तत्व पहुंचाकर समय पर उपयोग क्षमता की सुविधा भी प्रदान करता है। एक स्मार्ट ग्रीनहाउस जिसे वेवीलैब ने स्मार्ट स्टैंडअलोन स्वचालन तंत्र के आधार पर विकसित किया है, यह हीटिंग, वेंटिलेशन और प्रकाश व्यवस्था की भी निगरानी करता है।

जल क्षेत्र में स्मार्ट अनुप्रयोग

आमतौर पर, स्मार्ट जल प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी में अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ चार घटक होते हैं - 

सारणी 1: स्मार्ट जल प्रबन्धन के लिए प्रौद्योगिकी

घटक

प्रयोजन

अनुप्रयोग उदाहरण

1. अंकीय आउटपुट उपकरण (मीटर और सेंसर)

वास्तविक समय में जानकारी एकत्र करने और प्रसारित करने के लिए।

• वर्षामापी, प्रवाह मीटर, जल गुणवत्ता निगरानी और अन्य

• पर्यावरणीय आंकड़े

• वास्तविक समय में जल रिसाव का पता लगाने के लिए ध्वनिक उपकरण

• परिसंपत्ति प्रबंधन के लिए वीडियो कैमरा

• जल खपत मापने के लिए स्मार्ट जल मीटर

• जल रिसाव को ज्ञात करने और पम्प अनुकूलन के लिए दवाव की निगरानी

2. पर्यवेक्षी नियंत्रण और आंकड़ा अधिग्रहण (SCADA) तंत्र

सूचना को संसाधित करने और सिस्टम और प्रक्रियाओं को दूरस्थ रूप से संचालित और अनुकूलित करने के लिए।

• दबाव प्रबंधन

• पम्प स्टेशन अनुकूलन

• जल उपचार संयंत्र नियंत्रण

• सीवेज उपचार संयंत्र नियंत्रण

• पर्यावरण नियंत्रण, जलाशय, प्रवाह, आदि।

3. भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS)

स्थानिक जानकारी को संग्रहित, प्रबंधित, और विश्लेषित करने के लिए।

• परिसंपत्ति मानचित्रण और परिसंपत्ति प्रबंधन

• पूर्णतः एकीकृत नेटवर्क निदर्श

• पर्यावरणीय डेटा विश्लेषण और प्रबंधन

4. सॉफ्टवेयर

•  आंकड़ा संचयन उपयोग करने और रिपोर्ट करने के लिए।

•  अभिकल्पन, निर्णय लेने और जोखिम प्रबंधन में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे और पर्यावरण प्रणालियों के निदर्शन के लिए।

• सामान्यतः जल नेटवर्क के प्रबंधन, दवाव को नियंत्रित

करने, जल रिसाव की निगरानी करने आदि के लिए GIS

और/या स्काडा सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाता है।

बेहतर निर्णय लेने और जोखिम प्रबंधन में सक्षम •

• ग्राहक आंकड़ा बेस

• स्मार्ट मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण

• बेहतर निर्णय लेने और जोखिम प्रबंधन में सक्षम

• ग्राहक आंकड़ा बेस

• स्मार्ट मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण

• द्रवीय अभिकल्पन और अनुकूलन

• जल सुरक्षा के लिए जल संसाधन और जलविज्ञानीय निदर्शन

• बादल-आधारित आंकड़ा प्रबंधन और होस्टिंग विकल्प


 

स्मार्ट जल प्रबंधन के लाभ

आर्थिक लाभ

पर्यावरणीय लाभ

सामाजिक लाभ

उपभोक्ता जल और संबंधित ऊर्जा उपयोग के बिल को कम कर सकते हैं, क्योंकि ग्राहक पोर्टल, ऐप्स और स्मार्ट मीटर (ग्राहक) के माध्यम से बिलिंग और उपयोग की जानकारी तुरंत प्राप्त करने में सक्षम हैं।

परिचालन अनुकूलन से उपयोगिता बुनियादी ढांचे (जल रिसाव, चोरी, आदि), कर्मियों और परिचालन अक्षमताओं (प्रक्रियाओं का स्वचालन, आदि) से जुड़ी लागत कम हो जाएगी।

उत्पादित आंकड़ों के आधार पर ऐप्स के विकास से जुड़े रोजगार बड़ी मात्रा में उत्पन्न हो सकते हैं।

उद्योगों और वाणिज्यिक संस्थाओं को जल की स्वच्छ और स्थिर आपूर्ति का प्रावधान सुनिश्चित करता है।

जल निकासी परियोजनाओं और वितरण सेवाओं से संबंधित जैव विविधता हानि, जल और वायु प्रदूषण और परिदृश्य क्षति को रोकता है।

जल वितरण और जल को गर्म करने के लिए आवश्यक ऊर्जा उपयोग से संबंधित ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है।

स्वच्छ और स्थिर जल आपूर्ति के प्रावधान को सुविधाजनक बनाता है जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

वास्तविक समय के आंकड़ा समूह और वृहत्त आंकड़ा समूह के त्वरित प्रसंस्करण के परिणाम ग्राहकों, उपयोगिता कंपनियों, सरकारी अधिकारियों और अनुसंधान संस्थानों के लिए उपलब्ध हैं, पारदर्शिता का समर्थन करते हैं और प्रभावी निर्णय लेने, प्रासंगिक अनुसंधान के अवसरों के साथ-साथ व्यावहारिक समाधानों के कार्यान्वयन को बढ़ावा देते हैं।

 

सरकारी पहल

स्मार्ट जल प्रबंधन का समर्थन करने के लिए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कई सरकारी पहल की जा रही हैं। उदाहरण नीचे दिए गए हैं:-

सामंजस्य निधि

सामंजस्य निधि जल अवसंरचना में सह-वित्त पूँजी-गहन निवेश के अवसर प्रदान करती है और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों को जल-कानून का अनुपालन करने में मदद करती है। वित्तीय सहायता की तीन अलग-अलग श्रेणियां हैं जो जल दक्षता से संबंधित हैंः (i) 'जोखिम निवारण', (ii) 'पर्यावरण को संरक्षित करने और जोखिमों को रोकने के अन्य उपाय', (iii) 'पेयजल का प्रबंधन और वितरण' ।
जीवन वित्तीय सहायता (लाइफ फंड)

यह फंडिंग योजना पूरे यूरोपीय संघ में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

जर्मन संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय

यह मंत्रालय जल संसाधनों के सतत उपयोग और विभिन्न पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों के लिए जल प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन हेतु एकीकृत योजना उपकरणों के विकास को वित्त पोषित करता है।

SCADA तंत्रः

SCADA का अर्थ पर्यवेक्षी नियंत्रण और आंकड़ा अधिग्रहण है। यह एक प्रकार की नियंत्रण प्रणाली है जो वास्तुकला को संदर्भित ऑपरेटरों को विनिर्माण संयंत्रों, विद्युत उत्पादन सुविधाओं, जल उपचार संयंत्रों आदि जैसे औद्योगिक वातावरण में प्रक्रियाओं की निगरानी और नियंत्रण करने में सक्षम बनाती है। SCADA प्रणालियां ऑपरेटरों को प्रक्रिया में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करके और रिमोट कंट्रोल और निगरानी क्षमताओं को सक्षम करके औद्योगिक संचालन में दक्षता, सुरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जटिल प्रक्रियाओं को प्रबंधित और अनुकूलित करने के लिए विभिन्न उद्योगों में इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

स्मार्ट जल प्रबंधन सम्बन्धी बाजार की क्षमता

सार्वभौम स्मार्ट जल प्रबन्धन मार्केट को पूर्वानुमानित अवधि (2021-2026) के दौरान लगभग 12.5 प्रतिशत CAGR दर्ज करने का विश्वास है। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ता शहरीकरण, पुराना बुनियादी ढांचा और जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसे कारक दुनिया भर में बाजार की संवृद्धि को बढ़ा रहे हैं। उदाहरण के लिए, एशिया में 480 मिलियन लोगों को भविष्य में जल की कमी का सामना करना पड़ेगा और 500 मिलियन से अधिक लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां जल की खपत स्थानीय स्तर पर नवीकरणीय जल संसाधनों से दो गुना अधिक है।

स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणालियों का कार्यान्वयन, अक्सर उच्च परिचालन मूल्य के कारण सीमित होता है। फिर भी, वैश्विक स्मार्ट वॉटर मीटर बाजार का आकार 2018 में 1.38 विलियन अमेरिकी डॉलर था और 2026 तक 3.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जो पूर्वानुमानित अवधि के दौरान 10.6 CGR को प्रदर्शित करता है।

2018 में 1.1 बिलियन यूरो की निर्यात मात्रा के साथ जर्मनी, जल और अपशिष्ट जल प्रौद्योगिकियों के यूरोप के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है (जर्मनी व्यापार और निवेश, 2019)। स्थायी जल प्रबंधन के लिए जर्मन बाजार भी यूरोप में सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जहां सालाना लगभग 17.2 विलियन यूरो की जल आपूर्ति और अपशिष्ट जल उपचार होता है। अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया एक ऐसा क्षेत्र है जो उपभोक्ताओं को वास्तविक उपयोग आंकड़ों तक पहुंच के माध्यम से जल उपयोग की खपत के प्रबंधन में सुधार करने में मदद करने के लिए शहरों के अधिकारियों द्वारा स्मार्ट जल की स्थापना में अग्रणी है।

यह अनुमान लगाया गया है कि एशिया-प्रशांत में वर्ष 2016 के पश्चात स्मार्ट मीटर अपनाने वाली जनसंख्या में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा इस का 10T में प्रयोग। क्षेत्र में सुदृढ़ निजी क्षेत्र के निवेश से स्मार्ट मीटर के क्षेत्र में प्रवेश की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। दूसरी ओर अफ्रीका में, स्मार्ट जल मीटर अभी भी प्रारंभिक चरण में हैं।

सम्पर्क करेंः
डॉ. रणवीर सिंह
सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली-110012
ईमेल: singhranbir413@gmail.com
मो. 7011138098

 

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Post By: Kesar Singh
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