गुवाहाटी (भाषा)। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मामलों के केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने अरूणाचल प्रदेश और असम की सीमा पर 2000 मेगावाट क्षमता वाली सुवर्णश्री पन बिजली परियोजना निर्माण की पैरवी करते हुए आज कहा कि बांध के खिलाफ अधिकतर विरोधों को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि असम में बिजली की समस्या है।
टिहरी बांध नहीं होता तो उत्तराखंड में अचानक मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ में रिषिकेश और कुछ अन्य शहर बह गए होते --केंद्रीय मंत्री वीके सिंहसुवर्णश्री परियोजना को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन की हमें जानकारी है। कुछ उचित हैं जबकि अधिकतर को उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहां कोई समस्या क्यों होनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि लोगों को परियोजना के फायदे के बारे में बताया नहीं गया। यही कारण है कि नीचे आने वाले प्रवाह के डर के चलते पिछले दो साल से इसमें काम आगे नहीं बढ़ा है। यह नदी की धारा पर बनने वाली परियोजना है।
मेरा अपना आकलन है कि इससे कोई खतरा नहीं होने जा रहा। लोग नहीं जानते कि टिहरी बांध नहीं होता तो उत्तराखंड में अचानक मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ में रिषिकेश और कुछ अन्य शहर बह गए होते। हमारे पास बड़ा मौका है।
टिहरी बांध नहीं होता तो उत्तराखंड में अचानक मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ में रिषिकेश और कुछ अन्य शहर बह गए होते --केंद्रीय मंत्री वीके सिंहसुवर्णश्री परियोजना को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन की हमें जानकारी है। कुछ उचित हैं जबकि अधिकतर को उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहां कोई समस्या क्यों होनी चाहिए?
उन्होंने कहा कि लोगों को परियोजना के फायदे के बारे में बताया नहीं गया। यही कारण है कि नीचे आने वाले प्रवाह के डर के चलते पिछले दो साल से इसमें काम आगे नहीं बढ़ा है। यह नदी की धारा पर बनने वाली परियोजना है।
मेरा अपना आकलन है कि इससे कोई खतरा नहीं होने जा रहा। लोग नहीं जानते कि टिहरी बांध नहीं होता तो उत्तराखंड में अचानक मूसलाधार बारिश से आई बाढ़ में रिषिकेश और कुछ अन्य शहर बह गए होते। हमारे पास बड़ा मौका है।
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Post By: pankajbagwan