गर्मी बढ़ते ही देहरादून के आसपास के नेचुरल रिर्सोसेज का पानी घटने लगा है। दून हो या मसूरी सभी जगह यही हालात है। दून की बांदल नदी का पानी 22 एमएलडी से घटकर 7.5 एमएलडी रह गया है। ऐसे में दून में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। लोग दिन भर जल संस्थान की हेल्पलाइन में फोन कर रहे हैं। टोल फ्री नंबर पर शिकायतों की संख्या पर तीन गुना तक बढ़ गई है। यही हालात आसपास के कस्बों में भी है। मसूरी में भी नेचुरल रिसोर्सेज का पानी कम हो गया, सरकार सप्लाई भी घटकर आधी रह गई है।
मसूरी झील का पानी भी हुआ कम
मसूरी के नेचुरल रिसोर्सेज में भी पानी की जबरदस्त कमी हो गई है। गर्मी बढ़ते ही मसूरी झील में पानी का स्तर बहुत कम हो गया है। दूसरी तरफ जल संस्थान ने भी मसूरी मे वाटर सप्लाई कम कर दी है। मसूरी वासियों को 14 एमएलडी पानी की जरूरत है। मांग की तुलना में सिर्फ 7 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है। ऐसे में अधिकतर लाॅज और होटल्स में पानी का संकट आ गया है।
मसूरी में अधिकतर सरकारी विभागों के गेस्ट हाउस भी पानी की कमी की मार झेल रहे हैं। पानी की कमी के चलते होटल वालों ने रेट बढ़ा दिए हैं। मसूरी घूमने आए जयपुर निवासी अविनाश ने बताया कि वे जिस गेस्ट हाउस में रूके थे, वहां पानी नहीं था। ऐसे में उन्हें महंगे रेट पर होटल लेना पड़ा। टूरिस्ट सीजन में पानी की किल्लत देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों की नजर में पहाड़ों की रानी की छवि खराब कर रही है।
बांदल के स्रोत ने बढ़ाई दिक्कत
रायपुर स्थित बांदल स्रोत का पानी घटने से पेयजल की किल्लत खड़ी हो गई है। एकदम से बांदल स्रोत का पानी 22 एमएलडी से साढ़े सात एमएलडी हो गया है, जबकि इस स्रोत से शहर की हजारों की आबादी को पानी दिया जाता है। जहां अचानक सप्लाई में कटौती करने के चलते लोग परेशान हैं। जल संस्थान के ईई मनीष सेमवाल कहते हैं, बांदल का पानी घटने से पानी की किल्लत हो रही है, हालांकि ऐसी जगहों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है।
बांदल का पानी दिलाराम बाजार पहुंचता है। यहां से राजपुर रोड, विजय काॅलोनी, लुनिया मोहल्ला, घंटाघर, चाट वाली गली, चकराता रोड आदि क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता है। करीब 20 हजार की आबादी के सामने पानी का संकट खड़ा होने के बाद टोल फ्री नंबर पर शिकायतों की संख्या बढ़ गई है। जल सस्थान कहीं सुबह तो कहीं शाम की पेयजल सप्लाई दे रहा है। मोहल्लों को आसपास के ट्यूबवेल के भरोसे इन मोहल्लों को छोड़ दिया गया है। जिससे विभाग को कुछ राहत मिली है। हालांकि सप्लाई कम होने के चलते कई क्षेत्रों में टैंकर भी भेजे जा रहे हैं। हालांकि टैंकर लोगों की जरूरत पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
/articles/sauukha-rahai-haai-daeharaadauuna-kai-baandala-nadai