देहरादून | योगेश रतूड़ी, हिंदुस्तान, 30 मार्च 2020
लॉकडाउन में जहां लोग अपने घरों में हैं, वहीं देहरादून नगर निगम के सफाई कर्मचारी शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं। ये सफाई कर्मचारी जनता के लिए खुद की परवाह किए बगैर मुस्तैद होकर ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना वायरस को मात देने के लिए ये ‘सफाई के सिपाही' सच्ची सेवा कर रहे हैं। एक तरह से सीधी जंग लड़ रहे हैं। सुबह-शाम सड़क, नाली और कूड़ेदान साफ करने वाले इन सफाई कर्मियों के जज्बे को शहरवासी सलाम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के बीच जोखिम लेते हुए नगर निगम के सफाई कर्मचारी अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। नगर निगम के करीब दो हजार स्थायी और अस्थायी शहर में सफाई अभियान और सेनेटाइजर के छिड़काव में लगे हैं। कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारी भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अफसर भी निरीक्षक कर इसकी रिपोर्ट बना रहे हैं। नगर निगम के करीब 60 सफाई सुपरवाइजरों की नेतृत्व में कर्मचारी काम में जुटे हैं। बड़े अफसरों के अलावा इनकी निगरानी के लिए 12 सफाई इंस्पेक्टर भी लगाए गए हैं। कर्मचारी रोजाना सुबह सड़कों और नालियों की सफाई कर रहे हैं। गाड़ी में रखी तीन बड़ी स्प्रे मशीनों का इस्तेमाल सेनेटाइजर के छिड़काव के लिए हो रहे हैं। इसमें एक मशीन एक हजार लीटर और दो मशीनें पांच सौ-पांच सौ लीटर की हैं। इसके अलावा 60 छोटी स्प्रे मशीन कंधे में रखकर कर्मचारी छिड़काव के काम में जुटे हैं। सड़कों के अलावा अस्पताल, मेडिकल स्टोर, सार्वजनिक स्थलों को भी सेनेटाइज किया जा रहा है। मेयर सुनील उनियाल गामा कहते हैं कि कोरोना के खतरे को काम करने के लिए युद्धस्तर पर सफाई अभियान चल रहा है। सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मास्क, दस्ताने जैसी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। लोग अपने स्तर पर भी सफाई का ख्याल रखें और उन्हें चाय-पानी उपलब्ध कराएं।
कूड़े के उठान में लगे हैं 300 कर्मचारी
घर-घर से कूड़ा उठान के लिए कंपनी के करीब 300 कर्मचारी भी लगे हैं। यह भी शहर को साफ करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। रोजाना कंपनी की गाड़ियां मोहल्ले में घर-घर से कूड़ा उठा रही है। फिर इसे कारगी रोड स्थित ट्रांसफर स्टेशन में जमा किया जाता है। यहां से बड़ी गाड़ियों में शीशमबाड़ा प्लांट भेजा जाता है। इन दिनों नगर निगम ढाई सौ मिट्रिक टन कूड़ा रोजाना उठा रहा है।
क्या करते हैं पर्यावरण मि़त्र
- पर्यावरण मित्र विशाला का कहना है कि कोरोना के खत्म करने के लिए सफाई बहुत जरूरी है। नालियों के कीचड़ से संक्रामक रोग फैलने की आशंकज्ञ ज्यादा रहती है, जिसे उठाया जा रहा है। रोज काम का टारगेट दिया जाता है। उसी के हिसाब से सफाई का काम करते हैं।
- पर्यावरण मित्र अभिषेक का कहना है कि जनता के हित में अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा हूं। अगर, सफाई से कोरोना का संकट टलेगा तो बहुत खुशी होगी। हम लोग रोजाना सुबह और शाम को सफाई का काम करते हैं। नालियों की सफाई के अलावा कूड़ा उठाकर डस्टबिन में डालने का काम रहता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
- नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि नगर निगम अपनी पूरी ताकत से काम कर रहा है। लगातार शहर में स्प्रे मशीन से सेनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है। शहर में निरीक्षण भी कर रहे हैं। व्हाट्सएप में अधिकारियों को दिशा निर्देश भेजे जा रहे हैं। हमारे असली हीरों नगर निगम के दो हजार पर्यावरण मित्र हैं, जो जोखिम के बीच काम कर रहे हैं।
- उप नगर आयुक्त सोनिया पंत कहती हैं कि पहले सुबह के समय सफाई व्यवस्था के साथ ही सेनेटाइजर के छिड़काव को लेकर जायजा लिया जा रहा है। फिर प्रशासन की ओर से लगी फूड से जुड़ी ड्यूटी करनी पड़ रही है।
- मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. कैलाश जोशी ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे शहर में सफाई व्यवस्था का राउंड किया जाता है। सफाई की स्थिति का जायजा लेने के बाद नौ बजे घर आता हूं। फिर दस बजे आॅफिस में आता हूं। दोपहर बाद भी राउंड लगाया जाता है।
- वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आरके सिंह ने बताया कि सुबह उठान के काम को लेकर निरीक्षण किया जाता है। साथ ही जहां जहां कोरोना के मरीज मिले हैं, वहां पर सेनेटाइजर का छिड़काव कराया जाता है। रोजाना छिड़काव की रिपोर्ट लेने के बाद नगर आयुक्त को दी जाती है।
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