सीपीसीबी की रिपोर्ट, यमुना नदी में 33 प्रतिशत बढ़ा ऑक्सीजन

सीपीसीबी की रिपोर्ट, यमुना नदी में 33 प्रतिशत बढ़ा ऑक्सीजन
सीपीसीबी की रिपोर्ट, यमुना नदी में 33 प्रतिशत बढ़ा ऑक्सीजन

भारत की कुछ प्रमुख व पवित्र नदियों में शामिल ‘यमुना’ दिल्ली में पहुंचते ही नाले में तब्दील हो जाती है। दिल्ली के 28117 उद्योगों से निकलने वाला 3 करोड़ 50 लाख 98 हजार लीटर औद्योगिक कचरा सीधे यमुना में बहाया जाता है। जिस कारण युमना दुनिया की सबसे प्रदूषित नदी है। दिल्ली वज़ीराबाद बैराज से ओखला बैराज के बीच यमुना के जल में ऑक्सीजन लगभग समाप्त हो गया है। जल में जलीय जीवन के पनपने की भी कोई संभावना नहीं है। कभी जीवनदायनी कही जाने वाली ‘यमुना’ दिल्ली में विभिन्न बीमारियों का गढ़ बन गई है। कल कल निनाद करते हुए बहता जल बदबूदार हो गया है, लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुआ लाॅकडाउन यमुना के लिए सौगात लेकर आया है। एक नई उम्मीद लेकर आया है। यमुना का जल आश्चर्यजनक तरीके से साफ हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट कहती है कि यमुना के जल में ऑक्सीजन की मात्रा 33 प्रतिशत तक बढ़ी है।

सीपीसीबी की टीम ने 6 अप्रैल को यमुना में पल्ला गांव, निजामुद्दीन पुल और ओखला बैराज से पानी के सैंपल लिए थे। रिपोर्ट के अनुसार पल्ला गांव में पीएच लेवल 8.7 से घटकर 7.8 हो गया है, जबकि डीओ लेवल 17.1 मिलीग्राम प्रति लीटर से 8.3 मिलीग्राम प्रति लीटर, बीओडी 7.9 मिलीग्राम प्रति लीटर से 2.0 मिलीग्राम प्रति लीटर और सीओडी 28 मिलीग्राम प्रति लीटर से 6 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है। निजामुद्दीन पुल के पास पीएच का स्तर 7.3 से 7.2, डीओ 2.4, बीओडी 57 मिलीग्राम प्रति लीटर से 5.6 मिलीग्राम प्रति लीटर और सीओडी 90 मिलीग्राम प्रति लीटर से 16 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है। पल्ला गांव से लेकर वजीराबाद बैराज तक पानी अपेक्षाकृत साफ रहता था, लेकिन निजामुद्दीन पुल और ओखला बैराज तक यमुना में सैंकड़ों नाले गिरते हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक ओखला बैराज पर यमुना में पीएच स्तर 7.2 से घटकर 7.1 हो गया है, जबकि डीओ 1.2 मिलीग्राम प्रति लीटर, बीओडी 27 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 6.1 मिलीग्राम प्रति लीटर और सीओडी 95 मिलीग्राम प्रति लीटर से 18 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गई है। नजफगढ़ और शाहदरा नालों से भी सैंपल दिए गए थे, जिनके बीओडी लेवल में 45 प्रतिशत तक का सुधार देखने को मिला है। नजफगढ़ ड्रेन से यमुना में 1938 एलएलडी वेस्ट मिरता है, इस नाले में पीएमच स्तर में कोई सुधार नहीं आया और वो 7.2 ही है, लेकिन एसएस 152 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 106 मिलीग्राम प्रति लीटर, बीओडी स्तर 78 मिलीग्राम प्रति लीटर से 55 मिलीग्राम प्रति लीटर और सीओडी 271 मिलीग्राम प्रति लीटर से 150 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है, जबकि शाहदरा ड्रेन में पीएच स्तर 7.1 से 7.2 हो गया है, जबकि एसएस 464 मिलीग्राम प्रति लीटर से 305 मिलीग्राम प्रति लीटर, बीओडी 163 मिलीग्राम प्रति लीटर से 89 मिलीग्राम प्रति लीटर और सीओडी 574 मिलीग्राम प्रति लीटर से घटकर 383 हो गया है। 

इसके अलावा युमना के साफ होने का कारण बारिश के कारण वजीराबाद बैराज से पानी छोड़ना भी है। लाॅकडाउन के कारण दिल्ली में निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हैं, जिस कारण यमुना और नालों में निर्माण सामग्रियों को नहीं बहाया जा रहा है। तो वहीं मानवीय गतिविधियों पर रोक होने के कारण न तो यमुना में कपड़े आदि धोए जा रहे हैं, और न ही धार्मिक सामग्रियों को बहाया जा रहा है। इससे यमुना पहले की तुलना में काफी साफ हुई है, लेकिन नदी का पानी अभी भी नहाने लायक नहीं है। लाॅकडाउन के बाद यमुना की सेहत को किसी प्रकार और सुधारा जाए, ये सरकार के हाथ में है।

यहां पढ़े पूरी रिपोर्ट -  CPCB Report


 हिमांशु भट्ट (8057170025)

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Post By: Shivendra
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