सीएसआईआर निस्केयर ट्यूब


विज्ञान का संचार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कैसे हो, इस विषय को ध्यान में रखते हुए सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान (सीएसआईआर-निस्केयर) के ‘मल्टीमीडिया द्वारा विज्ञान संचार’ विभाग ने एक प्रयास के रूप में सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब को विकसित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा उपयोगकर्ताओं तक विज्ञान संचार करना तथा उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर करना है।

आज के युग को तेजी से बदलते संचार माध्यमों का युग भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। संचार के नये-नये आयामों ने संचार की परिभाषा को बदल दिया है तथा विज्ञान संचार भी इससे अछूता नहीं रहा है। पहले विज्ञान संचार केवल गिनी-चुनी विज्ञान पत्रिकाओं एवं दूरदर्शन के प्रस्तुतकर्ता पर निर्भर होता था परन्तु बदलते परिवेश में विज्ञान संचार इन्टरनेट, ब्लॉग, यू-ट्यूब, ट्विटर तथा सामाजिक नेटवर्किंग (Social Networking) आदि माध्यमों से भी किया जा रहा है। इन सभी माध्यमों के उपयोगकर्ताओं की संख्या भी निरन्तर बढ़ती जा रही है।

Fig-1 आजकल फेसबुक, यू-ट्यूब तथा ट्विटर इत्यादि आम आदमी की पहुँच में हैं जहाँ सभी अपनी बात को साझा कर सकते हैं। ये सामाजिक मीडिया के नये आयाम हमारे पारंगत साधनों जैसे- विज्ञान पत्रिकाएँ, समाचार, रेडियो और दूरदर्शन के पूरक हैं। जहाँ इन माध्यमों ने एक ओर विज्ञान संचार को कुशलता प्रदान की है वहीं दूसरी ओर इस डर को दूर किया है कि विज्ञान संचार पत्रिकाओं एवं आलेखों द्वारा ही संचारित किया जा सकता है।

विज्ञान का संचार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कैसे हो, इस विषय को ध्यान में रखते हुए सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान (सीएसआईआर-निस्केयर) के ‘मल्टीमीडिया द्वारा विज्ञान संचार’ विभाग ने एक प्रयास के रूप में सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब को विकसित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा उपयोगकर्ताओं तक विज्ञान संचार करना तथा उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर करना है। सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब के विकास के लिये मुक्त स्रोत (Open Source) तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।

सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब सभी पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को विज्ञान से सम्बन्धित वीडियो, ऑडियो, चित्र तथा फोटो इत्यादि को अपलोड करने की अनुमति प्रदान करता है। अपनी आवश्यकतानुसार उपयोगकर्ता अपना समूह भी बना सकते हैं। इसमें पंजीकृत सदस्यों के बीच वार्तालाप करने के लिये परिपूर्ण आन्तरिक ई-मेल (Internal E-mail) का भी प्रावधान है। अपलोड किये गये सभी वीडियो, ऑडियो तथा फोटो को दूसरे माध्यमों जैसे फेसबुक तथा ट्विटर आदि के साथ साझा किया जा सकता है। विज्ञान के ऐसे लेख, प्रकरण, कार्यक्रम एवं चित्र आदि भी इस ट्यूब पर अपलोड किये जा सकते हैं, जो समाज से अन्धविश्वास दूर करने में सहायक सिद्ध हो सकते हों। इन सभी कोशिशों का उद्देश्य विज्ञान संचार का एक ऐसा मंच तैयार करना है जो उपयोगकर्ताओं के लिये एक तरफ विज्ञान संचार का माध्यम बने तथा दूसरी तरफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी उजागर करे।

मुख्य विशेषताएँ


सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब जोकि मुक्त स्रोत तकनीक पर आधारित है, में यू-ट्यूब वाली सारी विशेषताएँ उपलब्ध की गई हैं। सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर वीडियो को अपने कम्प्यूटर से सीधे एवं आसानी से अपलोड किया जा सकता है। mpg, avi, mp4, moov आदि सभी प्रारूप के वीडियो इस पर अपलोड किये जा सकते हैं। वीडियो को उपयोगकर्ता आसानी से सम्पादित कर सकते हैं तथा इसका शीर्षक, उपनाम एवं विवरण लिख सकते हैं और इन्हें बदल भी सकते हैं। वीडियो पर टिप्पणी लिखना, इसे हटाना तथा निजी एवं सार्वजनिक बनाना अत्यन्त सरल है। सभी ऑडियो को mp4 प्रारूप में बनाकर अपलोड करना तथा ऑडियो को उपनाम देना अत्यंत सरल है।

फोटो या चित्र को अपलोड करना भी अत्यन्त सरल है। एक बार में 3 फोटो अपलोड किये जा सकते है। नई फोटो एलबम बनाना भी अत्यंत सरल है। एक उपयोगकर्ता 6 फोटो की एलबम बना सकता है। फोटो का अधिकतम आकार 600x600 px (px यानी पिक्सल) तथा न्यूनतम आकार 300x300px होना अनिवार्य है। निस्केयर ट्यूब पर jpg, gif तथा png प्रारूप एवं 600kb आकार के फोटो अपलोड किये जा सकते हैं।

सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर नया समूह आसानी से बनाया जा सकता है तथा समूह को निजी या सार्वजनिक किया जा सकता है। समूह प्रबन्धक (Group Administrator) किसी भी सदस्य को हटा जा सकता है तथा समूह में सदस्य अपनी टिप्पणी लिखकर वार्तालाप कर सकते हैं।

प्रत्येक सदस्य अपने प्रोफाइल का सम्पादन कर सकता है तथा अपनी फोटो संलग्न कर सकता है। प्रत्येक सदस्य के लिये एक अनन्य यूआरएल (Url) का प्रावधान भी निस्केयर ट्यूब में किया गया है।

प्रत्येक सदस्य अपने मित्रों की सूची बना सकता है तथा वीडियो, ऑडियो एवं फोटो साझा कर सकता है। किसी भी मित्र को आवश्यकतानुसार सूची से हटाया जा सकता है। सभी वीडियो, ऑडियो, फोटो एवं प्रोफाइल पृष्ट टिप्पणी प्रणाली से जोड़े गये हैं।

अपलोड की गई सामग्री


सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर अपलोड की गई अभी तक की सभी वीडियो, ऑडियो एवं फोटो की सामग्री को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

जीव विज्ञान, भौतिकी रसायन, यान्त्रिकी, सूचना प्रणाली, विज्ञान शिक्षा, युवा वैज्ञानिक तथा विज्ञान करके सीखो इत्यादि। इसके अतिरिक्त एक श्रेणी ‘यूरेका’ (Eureka) है जोकि देश-विदेश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के साक्षात्कार पर आधारित है। यह कार्यक्रम राज्य सभा टेलीविजन और विज्ञान प्रसार के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। प्रसारित हो चुके लगभग 108 कार्यक्रमों को निस्केयर ट्यूब पर अपलोड किया गया है ताकि ऐसे कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उपलब्ध हो सकें।

साथ ही एक अन्य कार्यक्रम, जोकि विज्ञान प्रसार एवं डी. डी. भारती के साथ मिलकर चलाया गया था तथा जिसमें देश की चुनिन्दा महिला वैज्ञानिकों का साक्षात्कार किया गया है। इसको ‘साइन्टिफिकली यॉर्स’ (Scientifically Yours) नामक शीर्षक से प्रसारित किया गया था। इस श्रेणी के अन्तर्गत डॉ. इन्दिरा नाथ (चिकित्सा विज्ञान), डॉ. बिमला बूटी (भौतिक विज्ञान), डॉ. कस्तूरी दत्ता (कोशिकीय एवं आण्विक जीव विज्ञान), डॉ. मन्जू शर्मा (जैव प्रौद्योगिकी), डॉ. चन्द्रिमा साहा (अन्तःस्राव-विज्ञान), डॉ. चित्रा सरकार (न्यूरो-विकृति विज्ञान), डॉ. विभा टण्डन (रसायन विज्ञान), डॉ. रूपामन्जरी घोष (भौतिक विज्ञान), डॉ. शशि वधवा (चिकित्सा विज्ञान), डॉ. सुनीता सक्सेना (विकृति विज्ञान), डॉ. रेणू खन्ना चोपड़ा (कृषि विज्ञान), डॉ. रिद्धी शाह (गणितीय विज्ञान) तथा डॉ. चारूसिता चक्रवर्ती (रसायन विज्ञान) विशेषज्ञों के साक्षात्कार अपलोड किये गये हैं। इन साक्षात्कार के जरिये दर्शक देश की इन महिला वैज्ञानिकों के कार्य के विषय में जान सकते हैं तथा यह भी जान सकते हैं कि समाज में महिलाएँ, अनेक बाधाओं के बावजूद अपने कार्य क्षेत्र के शिखर तक कैसे पहुँच पाईं।

Fig-2वर्ष 2012 में निस्केयर एवं विज्ञान प्रसार द्वारा आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के विभिन्न सत्रों के वीडियो प्रोग्राम भी निस्केयर ट्यूब पर अपलोड किये गये हैं। ‘प्रस्तुति’ श्रेणी में विज्ञान पर बनी कुछ चुनी हुई प्रस्तुतियों को सम्मिलित किया गया है। निस्केयर स्थित “मल्टीमीडिया द्वारा विज्ञान संचार” संभाग द्वारा निर्मित चार वृत्तचित्र (Documentaries) सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली; सीएसआईआर- आईएचबीटी, पालमपुर; सीएसआईआर-निस्केयर, नई दिल्ली तथा एस.डी.सी., नई दिल्ली (SAARC Documentation Centre) की फिल्में भी निस्केयर ट्यूब पर अपलोड की गई हैं। ‘विज्ञान सम्मेलन’ श्रेणी में भारतीय विज्ञान सम्मेलन 2011 तथा राष्ट्रीय बाल विज्ञान सम्मेलन 2010 पर तैयार किये गये वीडियो प्रोग्राम भी अपलोड किये गये हैं।

सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर बनाई गई श्रेणियों में जीव-विज्ञान श्रेणी में 5, रसायन विज्ञान में 21, यान्त्रिकी में 23, ‘विज्ञान करके सीखो’ में 19, ‘सूचना विज्ञान’ में 7, ‘अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन’ में 18, ‘भौतिक विज्ञान’ में 5, ‘विज्ञान कांग्रेस’ में 14, ‘आम आदमी की वैज्ञानिक समझ’ में 14, ‘युवा वैज्ञानिक’ में, 12 तथा ‘विविध श्रेणी’ में 9 वीडियो अपलोड किये गये हैं। इसी प्रकार सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर अभी तक 21 ऑडियो तथा 200 से ज्यादा फोटो अपलोड किये गये हैं।

आठ लाख से ज्यादा हिट्स


सीएसआईआर-निस्केयर में ‘मल्टीमीडिया द्वारा विज्ञान संचार’ संभाग ने वर्ष 2011 के अन्त में सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब को आरम्भ किया था। तब से लेकर इस साइट के आगन्तुकों (Visitors) की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हुई है। आगन्तुकों में इस साइट के बारे में प्रचार के लिये संस्थान द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं में विज्ञापन भी दिये गये। अभी तक 8.0 लाख से ज्यादा हिट्स इस साइट के हो चुके हैं तथा विज्ञान संचार की यह एक लोकप्रिय साइट बन गई है। इसके 408 सदस्य हैं जो लगातार इस साइट पर विज्ञान से जुड़े हुए वीडियो, ऑडियो एवं फोटो अपलोड करते रहते हैं। इस साइट के सबसे ज्यादा देखे गये प्रोग्रामों में से प्रसिद्ध रसायन वैज्ञानिक प्रो. जीन मैरी टैरेस्कॉन के व्याख्यान, निस्केयर के पूर्व निदेशक डॉ. गंगन प्रताप द्वारा दिये गये व्याख्यान, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं अन्धविश्वास, अभी मीलों और जाना है तथा सारस-सागा इत्यादि दर्शकों में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं।

जनवरी 2014 में जहाँ इस साइट के 7391 हिट्स थे वे धीरे-धीरे बढ़कर अगस्त 2014 तक 10289 तक पहुँच गये हैं। सितम्बर 2014 में 15040 तथा दिसम्बर 2014 तक इस साइट के 42899 हिट्स हो चुके हैं। यह सिलसिला 2015 में भी जारी है। जनवरी में 38869, फरवरी में 31744 तथा मार्च में 39944 हिट्स हो चुके हैं। वर्ष 2015 में कुल हिट्स 3,17,474 थे और वर्ष 2016 जुलाई तक 92,077 हिट्स हैं।

सदस्य बनना तथा वीडियो एवं ऑडियो अपलोड करना


कोई भी व्यक्ति सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब का सदस्य आसानी से बन सकता है तथा विज्ञान से सम्बन्धित वीडियो, ऑडियो, फोटो तथा प्रोग्राम इत्यादि सरलता से अपलोड कर सकता है। हालाँकि कार्यकारी प्रबन्धक इसकी अनुमति प्रदान करता है तथापि सदस्य बनने का तरीका अत्यन्त आसान है। निम्नलिखित विधि अपनाकर आप भी इसका सदस्य बन सकते हैं।

पंजीकरण विधि


सबसे पहले पंजीकरण फार्म को पूर्ण रूप से भरकर ajaysheopuri@niscair.res.in पर ई-मेल करें ताकि आपका खाता आरम्भ हो सके। इस मेल को भेजने के करीब चार घण्टे बाद आपका खाता सक्रिय हो जाएगा। खाता सक्रिय होने पर आप अपने यूजरनेम एवं पासवर्ड द्वारा लॉग-इन कर सकते हैं। चित्रों के द्वारा भी सदस्य बनने के तरीके को दर्शाया गया है। जैसा कि पहले भी बताया गया है सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब पर mp4, mpg, avi, flv तथा mov प्रारूप वाले वीडियो तथा ऑडियो अपलोड किये जा सकते हैं इसमें फाइल की क्षमता 2GB तक सीमित की गई है।

आइये, ज्यादा से ज्यादा संख्या में सीएसआईआर-निस्केयर ट्यूब के सदस्य बनकर विज्ञान संचार के नये प्रयास में अपना योगदान करें तथा इसका लाभ उठायें।

फार्म में लिखे सभी क्षेत्रों में सूचना भरिये तथा ‘Next’ बटन दबायें, अपलोड होने के उपरान्त वीडियो को देशीय flv प्रारूप तक जाने में 10 से 30 मिनट का समय लगता है तथा यह प्रबन्धक की अनुमति से अपलोड होता है।

प्रबन्धक केवल विज्ञान से सम्बन्धित वीडियो, ऑडियो तथा फोटो को अपलोड करने की अनुमति देता है।

सम्पर्क सूत्रः


श्री अजय शिवपुरी एवं डॉ. सुरजीत सिंह
मल्टीमीडिया द्वारा विज्ञान संचार संभाग
सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं सूचना स्रोत संस्थान (निस्केयर)
डॉ. के. एस. कृष्णन मार्ग, नई दिल्ली 110 012, [ई-मेल : ajaysheopuri@niscair.res.in]


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