सावन सावाँ अगहन जवा।
जितना बौवें उतना लवा।।
शब्दार्थ- उतना लवा- उतना ही लेना।
भावार्थ- सावन में सावाँ और अगहन में जौ, तौल में जितना बोया जायेगा, उतना ही काटा जायेगा अर्थात् इस समय बोवाई करने से फसल अच्छी नहीं होती है।
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