सावन पहली पंचमी


सावन पहली पंचमी, जोर की चलै बयार।
तुम जाना प्रिय मालवा, हम जावैं पितुसार।।


भावार्थ- यदि श्रावण कृष्ण पंचमी को हवा तेज चले, तो हे प्रिय! तुम मालवा जाना और मैं अपने पिता के घर चली जाऊँगी क्योंकि अकाल पड़ना तय है।

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Post By: tridmin
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