सावन कृष्ण पक्ष में देखौ। तुल को मंगल होय बिसेखौ।।
कर्क रासि पर गुरु जो आवै। सिंह रासि में सुक्र सुहावै।।
ताल सो सोखै बरसै धूर। कहूँ न उपजै सातो तूर।।
भावार्थ- यदि श्रावण कृष्ण पक्ष में तुला का मंगल हो, कर्क राशि पर वृहस्पति हो अथवा सिंह राशि पर शुक्र हो, तो तालाब सूख जायेंगे और धूल की वृष्टि होगी और कहीं भी सातों अन्न नहीं पैदा होंगे अर्थात् अकाल पड़ेगा।
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