सौराष्ट्र में किसान लौट रहे हैं

अहमदाबाद, 8 नवंबर (आईएएनएस)। पानी की कमी के कारण घर-बार और किसानी छोड़ पलायन कर गए सौराष्ट्र के किसान अब अपने गांवों को वापस लौट आए हैं। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई जल प्रबंधन की नई व्यवस्था ने किसानों के लिए घर वापसी का रास्ता खोल दिया है।

खाकी जालिया गांव के 62 वर्षीय कनुभाई रामभाई सुवा कहते हैं कि 'मैं वर्ष 2002 में अपने परिवार सहित सूरत चला गया था। पानी के बगैर हमारे खेत बंजर हो गए थे। मेरे दो बेटे वहां एक हीरा तराशने के कारखाने में 15,000 रुपए कमाने लगे। लेकिन छोटे बांधों के निर्माण के बाद क्षेत्र में पानी आ गया, साथ ही वर्ष के प्रारंभ में मैं भी वापस गांव लौट आया।''

सुवा के पास राजकोट जिले के उपलेटा तालुका में 15 बीघा जमीन है। उपलेटा अहमदाबाद से 300 किलोमीटर दूर नदी के किनारे स्थित है।

पानी के कारण आज सुवा ने 675 किलोग्राम जीन परिवर्धित बीटी कपास की फसल पैदा की है। यह खेती उसे 15,000 प्रति बीघा के हिसाब से आमदनी दे रही है। कपास के बाद अब गेहूं बोने की उसकी योजना है। खेती से अब उसकी कुल आमदनी 150,000 रुपए सालाना की हो गई है।

सुवा अपने आप में एक ऐसा किसान है, जिसने पलायन को वापसी में बदलने की परंपरा कायम की।

सुवा के साथ खाकी जालिया गांव से 25 परिवारों ने पलायन किया था। सिर्फ पांच परिवारों को छोड़ बाकी सभी अपने गांव लौट आए हैं। खाकी जालिया गांव के धनवंत के. सुवा के अनुसार जल प्रबंधन के कारण क्षेत्र के किसानों की जीवनशैली बदल गई है।

सौराष्ट्र में कुल 30,000 छोटे बांधों का और 300 बड़े बांधों का निर्माण कराया गया है। मोज नदी के 50 किमी के विस्तार में 35 छोटे बांध और दो बड़े बांध बनाए गए हैं। इन छोटे बांधों में वर्ष भर पानी भरा रहता है। बारिश न होने की स्थिति में इन्हें सिचाई के काम में इस्तेमाल किया जाता है।

साभार - इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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