यमुना की सफाई दिल्ली में एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद यमुना का दिल्ली में एक गंदे नाले के रूप में बहते रहना निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वर्तमान में दिल्ली में यमुना की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पानी में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा प्रति लीटर 4.0 मिलीग्राम की सामान्य स्थिति के मुकाबले शून्य से 1.79 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यानी यमुना का पानी जलीय जीवों के लिए पूरी तरह से प्रतिकूल है। यही वजह है कि इसके पानी में मछलियों व अन्य जलीय जीवों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।
यमुना की सफाई के लिए सरकारी प्रयासों के साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि सरकार आम दिल्लीवासियों को भी इस कार्य से जोड़े। जब तक दिल्लीवासियों के मन में यमुना को बचाने के लिए उसके प्रति प्रेम नहीं उमड़ेगा, तब तक यमुना का साफ होना न सिर्फ मुश्किल अपितु असंभव ही है। यमुना की सफाई के लिए पूरी इच्छाशक्ति के साथ सरकारी प्रयास किए जाने चाहिए लेकिन दिल्लीवासियों को भी इस पवित्र नदी के पुनरुद्धार के यज्ञ में अवश्य आहुति देनी चाहिए।
आईये सुनते है हमारे विशेषज्ञों की राय
/articles/saapha-nadai-haogai-saapha-saoca-sae