रेखोली के जंगलों में धधक रही आग, वन संपदा राख

uttrakhand foresr burning
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दो दिन की बारिश के बाद जिले के अधिकतर जंगलों की आग बुझ गई है। लेकिन रेखोली के जंगल अब भी धधक रहे हैं। इस क्षेत्र में बारिश नहीं के बराबर हुई है। जिले में अब तक आग की घटनाओं की संख्या 20 से अधिक पहुंच गई है। करीब 40 हेक्टेयर जंगल इसकी चपेट में आ चुके हैं। 

मई का महीना लगते ही बागेश्वर के जंगल बुरी तरह धधक गए। पिछले सप्ताह आग की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। आग के धुएं से लोगों की आंखों में जलन होने लगी। सांस के रोगी भी परेशान होने लगे। वन विभाग जंगल की आग बुझाने में नाकाम साबित हो रहा था, लेकिन इंद्रदेव की कृपा ऐसी हुई कि अधिकतर धधकते जंगल बुझ गए। हालांकि, रेखोली के जंगल लगातार धधक रहे हैं। वन विभाग तथा वन निगम के कर्मचारी आग बुझाने में लगे हुए हैं। 

जंगलों में इन दिनों इमारती लकड़ी के अलावा लीसे का भंडार भी है। इसे बचाने के लिए कर्मचारी जूझ रहे हैं। लीसा आग में घी का काम कर रहा है। अब तक 40 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ चुके हैं। लाखों रुपये की वन संपदा भी जल गई है। इधर, प्रभागीय वनाधिकारी बलवंत सिंह शाही ने बताया कि रेखोली के जंगल में लगी आग बुझाने के लिए कर्मचारी रवाना हो गए हैं। आग पर जल्दी काबू पा लिया जाएगा। 

बसनलगांव का जंगल जला

गर्मी का मौसम शुरू होते ही ब्लाॅक के विभिन्न गांवों के जंगल इन दिनों धू-धूकर जल रहे हैं। बीते रविवार की रात चौखुटिया बसनलगांव, बोहरागांव के जंगल में एकाएक आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने पूरा जंगल आगोश में ले लिया। आग लगने से लाखों की वन संपदा को नुकसान हो गया है। पूर्व प्रधान गिरीश चंद्र ने बताया कि वन विभाग से संपर्क करने बाद भी कोई कर्मचारी आग बुझाने को मौके पर नहीं पहुंचे। कर्मचारियों के मौके पर नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने गहरा आक्रोश जताया। इधर क्षेत्र के नौगांव, सुरना, छानी, फडीका के जंगलों में लगातार आग की घटनाएं सामने आ रही है। आग की घटनाओं के चलते जंगली जानवरों का भी आबादी क्षेत्र में आना शुरू हो गया है। 

ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़ेदान में लगी आग

अल्मोड़ा में बल्डोठी स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़ेदान में सोमवार को एकएका आग लग गई। इस कारण चारों ओर धुआं उठने लगा। सूचना मिलने पर जल संस्थान के कर्मचारी आग बुझाने को पानी का टैंकर लेकर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कूड़ेदान में लगी आग पर टैंकर से पानी फेंककर काबू पा लिया। 

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