राँड़ मेंहरिया अन्ना भैंसा


राँड़ मेंहरिया अन्ना भैंसा।
जब बिचलै तब होवै कैसा।।


भावार्थ- विधवा स्त्री और बिना स्वामी का स्वच्छंद भैंसा यदि बहक जायें तो अनर्थ ही होगा।

Path Alias

/articles/raanda-maenharaiyaa-ananaa-bhaainsaa

Post By: tridmin
×