पंजाब: भट्टला में महिलाओं ने संभाली जल प्रबंधन की बागडोर

भट्टला गांव में महिलाओं ने संभाली जल प्रबंधन की बागडोर,PC-Wikipedia
भट्टला गांव में महिलाओं ने संभाली जल प्रबंधन की बागडोर,PC-Wikipedia

पंजाब के पटियाला जिले के सनौर प्रखंड के भट्टला गांव में महिलाओं के समूह ने कई तरह से गांव का जीवन बदल दिया है। इसने गाँव की महिलाओं को न केवल उनके रोजमर्रा के कठिन परिश्रम से एक कार्य में राहत दी, बल्कि उन्हें सामुदायिक कार्य और गाँव में एक मजबूत और टिकाऊ जलापूर्ति प्रणाली विकसित करने का अवसर भी दिया। इतना ही नहीं, समुदाय ने स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता और सामाजिक एकता में सुधार के लिए कई प्रगतिशील पहल की।

भट्टला को अपने घरेलू पानी के कनेक्शन मिलने से पहले, गांव की महिलाएं एक कठिन जीवन जीती थीं। उनका जीवन घर के सभी कामों में लगे रहना था खाना बनाना, सफाई करना, मवेशी पालना, चारे की व्यवस्था करना, खेतों में काम करना और सबसे महत्वपूर्ण घरेलू खपत के लिए पानी भरकर लाना। जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद, ग्राम पंचायत ने ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) की स्थापना की। ग्राम सरपंच अंजू लाल ने एक ग्राम सभा बुलाई और हर घर जल कार्यक्रम के विवरण पर चर्चा की।

ग्रामीणों को सरकारी कार्यक्रम के बारे में बताया गया जिसमें गांव के हर घर, स्कूल, आंगनबाडी, ग्राम पंचायत भवन और स्वास्थ्य देखभाल केंद्र आदि में नल के माध्यम से पीने के पानी का आश्वासन दिया गया था।

ग्राम सरपंच अंजू लाल कहती हैं कि "मैं चाहती थी कि महिलाएं अपनी रूढ़िवादी भूमिका से बाहर निकलें और सामुदायिक कार्य करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पूरे प्रोजेक्ट डिज़ाइन के लिए पाइप से पानी उपलब्ध कराया जाए।’’

ग्राम सभा में चर्चा के बाद, वीडब्ल्यूएससी सदस्यों को नामित किया गया। प्रारंभिक हिचकिचाहट के बाद, महिलाओं ने कमान संभालने का फैसला किया। उन्होंने नए कौशल सीखे, सबसे पहले समुदाय के साथ बातचीत करना, ग्रामीणों को 'हर घर जल' कार्यक्रम के बारे में जागरूक करना, पंचायत में उपलब्ध संसाधनों का मानचित्रण करना और लोगों से अपने घरों में नल के पानी की आपूर्ति की मांग करना और उसके लिए एकमुश्त और आवर्ती शुल्क का भुगतान करना ।

सरपंच ने कहा, "बाद की ग्राम सभा की बैठक में, हमने जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों के मार्गदर्शन में उपलब्ध जल स्रोतों और गांव की आबादी के आधार पर ग्राम कार्य योजना (वीएपी) पर चर्चा की।"

कुछ ही समय में भट्टला की महिलाएं परिवर्तन प्रबंधक साबित हुईं। सभी गांव के घरों में पाइप से पानी की पहुंच सुनिश्चित करने के अलावा, उन्होंने जल स्रोतों की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उनकी रक्षा करने के लिए ठोस प्रयास किए। उन्होंने पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए व्यवहारवादी परिवर्तन को प्रोत्साहित करते हुए सामूहिक रूप से गहन वार्ड- वार जागरूकता अभियान चलाया।

ग्राम सभा में चर्चा के बाद, वीडब्ल्यूएससी सदस्यों ने समुदाय के लिए नियम और कानून निर्धारित किए। बिल भुगतान का समय निश्चित किया गया। अब समय आने पर, लोग स्वेच्छा से बकाया भुगतान करने के लिए आगे आते हैं। ग्रामीणों से एकत्रित धन का उपयोग संचालन और रखरखाव के लिए किया जाता है। पंचायत के पास वर्तमान में 50,000/- रुपये का शेष है, जो दर्शाता है कि पंचायत अपने संसाधनों से मरम्मत करवा सकती है। अपनी जल आपूर्ति को समर्थन देने में इस तरह की मजबूत सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से, भट्टला ने अपनी जल आपूर्ति प्रणाली की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की है।

मिशन के तहत महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिकाएँ सौंपी जाती हैं; वे इसकी प्रमुख लाभार्थी मात्र नहीं हैं। भट्टला पंचायत / वीडब्ल्यूएससी ने सुश्री दर्शन कौर को पंप ऑपरेटर के रूप में प्रशिक्षित किया है। वह सभी घरों में पानी की आपूर्ति के लिए हर दिन सुबह और शाम पंप संचालित करती हैं। लीकेज, संदूषण या किसी भी आपूर्ति में गड़बड़ी की शिकायतों को दूर करने में उन्होंने अपनी समयपालना और परिश्रम के माध्यम से समुदाय का विश्वास हासिल किया है। वह पानी की आपूर्ति के सभी मुद्दों के लिए मुख्य व्यक्ति हैं और जरूरत पड़ने पर मामूली मरम्मत भी करती हैं। यदि किसी मामले में उनके हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, तो उन्हें पीएचईडी के साथ समन्वय करने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है।

स्थानीय नागरिक समाज के कुछ सहयोग के साथ, भट्टला पंचायत ने वृक्षारोपण भी किया है। वे अब तक 700 पौधे लगा चुके हैं। इनमें से गर्मी में पानी की टंकी को ठंडा रखने के लिए 150 पेड़ वाटरवर्क्स साइट पर और स्कूल, आंगनबाडी केंद्र और गुरुद्वारे में लगे वाटर कूलर लगाए गए हैं।

भट्टला की उपलब्धियां

गांव में एक सतत जलापूर्ति प्रणाली विकसित करने तक सीमित नहीं हैं, इसकी पंचायत ने गांव की स्ट्रीट लाइटिंग और गरीब परिवारों के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा जैसे प्रगतिशील कदम उठाए हैं। कोविड- 19 महामारी के मद्देनजर पीआरआई, वीडब्ल्यूएससी सदस्यों और ग्रामीणों ने उन लोगों को 10,000 मास्क और राशन किट वितरित किए, जिन्हें उनकी तत्काल आवश्यकता थी; साप्ताहिक चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया; व्यक्तिगत स्वच्छता और सफाई बनाए रखने में मदद करने के लिए सैनिटरी नैपकिंस का वितरण किया। भट्टला सक्रिय भागीदारी का एक अच्छा उदाहरण है, जो जल जीवन मिशन का मूल है।

स्रोत - जल जीवन संवाद, अंक X, जुलाई 2021

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