फ्लोराइड प्रभावित गाँवों के बुरे हाल

water crisis in fluoride affected area
water crisis in fluoride affected area


1. 35 लाख नहीं भरे, 108 गाँवों में पानी का संकट
2. विद्युत वितरण कम्पनी ने कनेक्शन काटा
3. धार जिले के सरदारपुर, बदनावर, कुक्षी एवं झाबुआ जिले के पेटलावद की 750 बसाहटों में परेशानी का दौर


बिजली नहीं आने से फ्लोराइड प्रभावित गाँवों में पानी की समस्या हो रही हैबिजली नहीं आने से फ्लोराइड प्रभावित गाँवों में पानी की समस्या हो रही हैधार। धार जिले के सरदारपुर, बदनावर, कुक्षी एवं झाबुआ जिले के पेटलावद के फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में जल आवर्धन योजना के तहत बने चारों फिल्टर प्लांट की बिजली काट दी गई है। ऐसे में 108 गाँव की करीब 750 बसाहटों में पीने के पानी की मुश्किल हो गई है। दरअसल तीन माह की विद्युत बिल की करीब 35 लाख से अधिक राशि बकाया होने से मप्र विद्युत वितरण कम्पनी ने 28 नवम्बर से ही प्लांट के विद्युत कनेक्शन विच्छेद कर दिये। बताया जा रहा है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को बजट नहीं मिल पाया। इस कारण भुगतान नहीं किया जा सका।

फ्लोराइड प्रभावित ग्रामों में जैसे-तैसे योजना चल रही थी लेकिन वहाँ भी आर्थिक संकट ने लोगों के सामने पानी का संकट खड़ा कर दिया है।

बिजली कनेक्शन कट जाने से सरदारपुर की 62 बसाहट, बदनावर-सरदारपुर की 44, कुक्षी की 439 एवं पेटलावद की 205 बसाहटों में पीने के पानी का सप्लाई बन्द पड़ा है। वहीं तीन माह से वेतन नहीं मिलने से स्टाफ कर्मचारी भी परेशान हैं।

विद्युत कनेक्शन विच्छेद हुए 11 दिन बीत जाने के बाद भी इस ओर वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान न के बराबर दिखाई दे रहा है। विकासखण्ड सरदारपुर एवं बदनावर के फ्लोराइड प्रभावित 28 ग्रामों की 106 बसाहटों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये कालीकराय जलाशय आधारित योजना बनी थी। योजना को दो भागों में बाँटा गया। सरदारपुर तहसील के ग्राम पंचरूंडी के निकट फिल्टर प्लांट का निर्माण कर बदनावर एवं सरदारपुर के 11 ग्रामों की 44 बसाहटों एवं दूसरी ओर वैकलरूंडी (जौलाना) के पास फिल्टर प्लांट बनाया गया है।

 

हैण्डपम्पों ने भी साथ छोड़ा


ज्ञात रहे बसाहटों में फ्लोराइड युक्त पानी होने से पीने का पानी खराब माना गया है। इससे बसाहटों में जल आवर्धन योजना के माध्यम से पेयजल सप्लाई किया जाता है। विद्युत कनेक्शन बन्द होने से रहवासियों को फ्लोराइड युक्त पानी पीने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें बीमारी फैलने का अन्देशा बना हुआ है। वहीं अंचल में कई स्थानों पर अभी से हैण्डपम्पों ने भी साथ छोड़ दिया है। इससे रहवासियों को कई किमी तक चलकर पीने के पानी का जुगाड़ करना पड़ रहा है।

 

वेतन भी नहीं मिला


उधर, फिल्टर प्लांट पर काम करने वाले को कर्मचारियों को बजट आवंटन के अभाव में पिछले तीन माह से वेतन तक नहीं मिल पाया है। सूत्र बताते हैं कि करोड़ों की इस योजना में किसी भी प्रकार का बजट आवंटन पिछले तीन माह से नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते प्लांटों का मेंटनेंस आदि कार्यों में भी परेशानी देखी जा रही है।

 

इसलिये काटी बिजली


लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री एस मावी ने बताया कि सरदारपुर, बदनावर, कुक्षी एवं पेटलावद जल आवर्धन योजना के तहत बने चारों फिल्टर प्लांट का विद्युत बिल करीब 35 लाख से अधिक बकाया होने से विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 28 नवम्बर से कनेक्शन विच्छेद कर दिये गए। कर्मचारियों को बजट आवंटन के अभाव में पिछले तीन माह से वेतन तक नहीं मिल पाया है। हमने वरिष्ठ कार्यालय से लेकर भोपाल तक कार्रवाई कर दी है। विद्युत कनेक्शन के प्रारम्भ होते ही बसाहटों में पानी प्रदाय प्रारम्भ करवाया जाएगा। कम्पनी को पैसा भले ही देर से मिलता है लेकिन मिल जाता। उन्हें कनेक्शन नहीं काटना चाहिए था।

मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि 108 गाँवों में बिजली कनेक्शन काटने से पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मुझे अधिकारी ने अवगत नहीं कराया। तुरन्त पीएचई के अधिकारी से बात करके मामले में आगामी कार्रवाई करवाती हूँ... जयश्री कियावत, कलेक्टर धार

 

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Post By: RuralWater
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