फिलीपीन में आए हैयान नामक समुद्री तूफान ने जैसी तबाही मचाई है, वैसी तबाही फिलीपीन के इतिहास में न देखी गई न सुनी गई। हिन्द महासागर में सुनामी की तबाही के बाद यह सबसे बड़ी तबाही है, जिसकी 20-20 फीट ऊंची लहरों ने 315 किमी की रफ्तार से दौड़कर 12 हजार से ऊपर लोगों के प्राण ले लिए। 44 लाख लोग बेघर हो गए 4 लाख लोगों को सुरक्षित डेढ़ हजार सहायता शिविरों में पहुंचा दिया, परन्तु तबाही का मंजर इतना भयावह था कि बड़ी-बड़ी गाडियां, मकानों की छतें माचिस की डिब्बी की तरह हवा में उड़कर पानी में तैरते नजर आए। जब भी ऐसी तबाही आती है सबसे पहले संचार व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है, संपर्क सूत्र कट जाते हैं और सुरक्षा एजेंसियां किंकर्तव्यविमूढ़ होकर संभावित उपायों में लग जाती हैं।
शुक्रवार को आए हैयान तूफान के बाद इंग्लैंड ने फिलीपीन के लिए 95.8 लाख डॉलर देने की घोषणा की है, जिससे तबाह फिलीपीन के जनजीवन को सामान्य बनाया जा सकें। तबाही का मंजर बड़े-बड़े घाव दे जाता है लाखों बच्चे बिना मां-बाप के रह जाते हैं। मलबे और कीचड़ में दबी लाशें सड़-सड़ कर महामारी फैलाती हैं। पहुंच से दूर लोग अपने-अपने परिजनों को ढूंढने मृतकों के चेहरों को पहचानने हेतु बदहवाशी में भागते दौड़ते नजर आते है। कैसी वीरानी, कैसी नीरवता, प्रकृति का कैसा अट्टाहास, ऐसे लगता है जैसे कोई महादानव लाशों को अपने शरीर से मलमल कर फेंक कर रहा हो और असहाय बनी सरकारें सर्वशक्तिवान होते हुए भी तबाही का मंजर देखने को मजबूर हों।
यह तूफान फिलीपीन के लेयते, सामार, विस्यास, बिकोल एवं मिंडामाओं के अनेक इलाकों को अपनी चपेट में ले चुका है। पूर्वी सामार प्रांत के आपता जोखिम न्यूक्लीयर परिषद के लीयो डैकेनास ने इस आपदा की जानकारी देते हुए बुझे हुए दीए की तरह कहा कि 20- 20 फीट ऊंची प्रलयंकारी लहरों के बीच जो आया वह काल-कलवित हो गया। अभी भी लाखों लापता लोगों के बारे में कोई भी जानकारी देने की स्थिति में नहीं है।
फिलीपीन में यूएनओ की रेडक्रास संस्था के लोग बचाव शिविरों में लोगों की देखभाल करके उन्हें जरूरी दवाएं तथा उपचार उपलब्ध करवा रहे हैं। शुक्रवार को जब यह तूफान शुरू हुआ था तब 270 किमी की रफ्तार से लहरें तट से टकराई थी और कम से कम 8 लाख लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए थे।
समुद्र के किनारे कमजोर और कच्चे घरों में रहने वाले लोग जो भाग सकते थे, वे ठौर के लिए भागे, जो भाग नहीं सके, वे काल के गाल में समा गए। इतिहास में जाएं तो पहले प्लेग, कॉलरा तथा अन्य महामारियों से विनाश होता था, परन्तु पिछले 10-15 सालों में जिस ढंग के तूफान आने लगे हैं, भूकंप आने लगे हैं वे विवश करते हैं कि लोग विचार करें कि लाखों वर्षो की सृष्टि में ऐसे तूफान कहीं क्यों नहीं थे, अब क्या बदल गया, शायद समाधान मिल सकें। तूफान कितना ही तेज क्यों न हो धीरे-धीरे धीमा होता है, हैयान की गति भी घटी और यह चीन, वियतनाम की ओर है। आज सबसे बड़ी जरूरत है कि विश्व के सारे देश संकट की इस विकरालतम घड़ी में फिलीपीन के साथ खड़े होकर फिलीपीन की मदद करें, सारी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मदद करें जिससे विनाशलीला द्वारा छोड़े गए घावों पर मरहम लग सकें।
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