पीने योग्य पानी की कमी और इसका सही उपयोग

पीने योग्य पानी आज सबसे बड़ा मुद्दा
पीने योग्य पानी आज सबसे बड़ा मुद्दा

जल हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है, जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आजकल जल का व्यर्थ इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी वजह से आज भारत समेत पूरी दुनिया में जल की भारी कमी है। वहीं सोचने वाली बात तो यह है कि घरती पर 2 तिहाई हिस्सा पानी होने के बावजूद पीने योग्य शुद्ध पेयजल सिर्फ 1 प्रतिशत ही है। 97 फीसदी जल महासागर में खारे पानी के रुप में भरा हुआ है, जबकि 2 प्रतिशत जल का हिस्सा बर्फ के रुप में जमा है। जिसकी वजह से यह नौबत आ गई है कि कई जगह पर लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। इसलिए सभी को जल संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए और अनावश्यक पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए।

वहीं अगर समय रहते पानी की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया और जल संरक्षण नहीं किया गया तो पानी की समस्या एक विकराल रुप धारण कर लेगी और धरती से पानी निकलना बंद हो जाएगा जिससे भुखमरी, महामारी और भूकंप जैसे हालात बन जाएंगे। जल संरक्षण का अर्थ है पानी को बचाना अर्थात पानी के अनावश्यक इस्तेमाल को घटाना और सफाई एवं कृषि आदि के लिए इस्तेमाल किए गए पानी को फिर से रिसाइकिल करना और सुनिश्चित तरीके से उसको पुनः उपयोग में लाना।

मनुष्य समेत पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे एवं वनस्पति जल पर निर्भर हैं। वहीं जल का अन्य कोई विकल्प भी नहीं है। हालांकि मनुष्य इस बात की परवाह किए बिना अपने लालच के लिए प्राकृतिक संसाधन का जमकर दोहन कर रहा है, जिससे जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं दूसरी तरफ वढ़ रही जनसंख्या भी जल संकट का मुख्य कारण है। आज जल संकट दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर हमारे सामने खड़ी हुई है, जिससे आज कई शहरों में तो लोगों को शुद्ध जल खरीदकर पीना पड़ रहा है।

पानी का मूल्य बढ़ गया है, वहीं अगर जल संरक्षण के लिए समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए तो इसका भयावह परिणाम भुगतना पड़ सकता है, इसलिए हर किसी को जल संरक्षण के लिए अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।

यह तो हम सभी जानते हैं कि जल हमारे जीवन में कितना उपयोगी है, लेकिन शुद्ध जल में लगातार आ रही भारी गिरावट एक गंभीर समस्या बन चुकी है, आज धरती में 2 तिहाई हिस्सा पानी के होने के बावजूद भी कई इलाकों में लोगों को पानी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है, इसी वजह से जल संरक्षण करना बेहद जरूरी हैः-

  1. • जल पर मनुष्य और जीव-जंतु ही नहीं बल्कि पेड़-पौधे, वनस्पतियां और कृषि पूरी तरह से निर्भर है। वहीं अगर जल संकट के कारण सिंचाई के लिए पानी नहीं बचेगा तो अनाज, फल, सब्जियां समेत तमाम खाद्य उत्पादों की पैदावार नहीं होगी, जिससे भुखमरी जैसे हालात पैदा हो जाएंगे, ऐसी हालात न पैदा हो इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है।
  2. • पानी का स्तर लगातार कम होता जा रहा है और प्राकृतिक जल स्त्रोत सूख रहे हैं जिससे पेयजल की किल्लत पैदा हो गई है, यही वजह है कि आज बड़े शहरों में लोगों को शुद्ध पेयजल बाजार से खरीदना पड़ रहा है, वहीं पिछले कुछ सालो में पानी के रेट भी बढ़ गए हैं, जिससे साफ है कि धरती पर अब पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं बचा है, वहीं अगर हम अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते रहेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब धरती से पानी निकलना ही बंद हो जाएगा और सूखा, अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए जल को बचाना अथवा जल संरक्षण करना बेहद जरूरी है।
  3. • पेयजल में अगर लगातार इस तरह ही गिरावट आती रही तो, लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिलेगा जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही कई तरह की बीमारियां भी जन्म लेंगी और यह महामारी का रूप धारण कर लेंगी। इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है।
  4. • हमारी धरती पर उपलब्ध पानी का 97 फीसदी भाग खारे पानी के रुप में महासागर में है, जिसकी वजह से जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है, इसलिए अगर जल को संरक्षित नहीं किया गया तो पानी की कमी की वजह से भयंकर खतरे की स्थिति बन जाएगी। आजकल मानव अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों का इस कदर दोहन कर रहा है कि, वायुमंडल पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वहीं इसकी वजह से तापमान भी निरंतर बढ़ रहा है, और कई जगहों पर तो तापमान इतना बढ़ जाता है कि उन इलाकों में वां ही नहीं होती और सूखे जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। ऐसी जगहों पर ज्यादा गर्मी से पानी की समस्या भी पैदा हो जाती है, इसलिए जल संरक्षण जरूरी है ताकि ऐसे हालातों पर काबू पाया जा सके।
  5. • लगातार गिर रहे जलस्तर से सूखे जैसे हालात पैदा हो रहे हैं और धरती के बंजर रहने से धीरे-धीरे धरती में दरारें आ रही है अर्थात भूस्खलन और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है, इसलिए जल संरक्षण बेहद जरूरी है।

जल ही जीवन है, अर्थात पानी ही सम्पूर्ण जगत का आधार है। वहीं दूसरी तरफ पेयजल किल्लत आज दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी हुई है, इसलिए जल संरक्षण की जरूरत है। वहीं जल संरक्षण की आवश्यकता की मुख्य वजहें कुछ इस प्रकार हैं।

1. आज पानी की कमी की वजह से लोगों को पेयजल की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है, इसलिए इसकी कमी को पूरा करने के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता है।

2. जिस तरह से आज जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है, और पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है, यह भविष्य के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकती है, इसलिए आने वाली पीढ़ियों को जल संकट जैसी विकराल स्थिति से नहीं जूझना पड़े इसलिए जल संरक्षण करने की आवश्यकता है।

3. आज जिन लोगों के यहां सबमर्सिबल या फिर मोटर पंप लगे हुए हैं, वे लोग जल का अनावश्यक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि कई इलाकों में लोग बूंद भर पानी के लिए तरस रहे हैं, इसलिए जरूरत है कि सभी जगह एक सामान रूप से जल का वितरण हो और सभी
लोग जल के महत्व को समझ सकें इसलिए भी जल संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है।

आप किस तरह से अपने रोजमर्रा में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को संरक्षित कर सकते हैं, इसके उपाय हम नीचे बता रहे हैं:-

  1. • पानी की बचत आप अपने दैनिक कार्यों में ही कर सकते हैं, जैसे कि घरों में सफाई, कपड़ा धोने, वर्तन धोने और रसोई के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी को सिर्फ जरूरत के मुताबिक ही इस्तेमाल करें।
  2. • बारिश के पानी को जमा कर पानी की बचत की जा सकती है। दरअसल, जमा किए बारिश के पानी का इस्तेमाल आप अपने बगीचे को पानी देने या फिर साफ-सफाई में कर सकते हैं।
  3. • कई लोग पानी का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि नहाने, बर्तन धोने या अन्य कामों के लिए नल चलाकर ही छोड़ देते हैं और साथ ही साथ अपना काम करते रहते हैं, इसलिए ऐसा नहीं करें बल्कि किसी एक बड़े बर्तन में पानी भरकर बर्तन धोएं। इससे पानी बचाया जा सकता है। 
  4. • रसोई में फल या सब्जी धोने के लिए एक भरे हुए बर्तन में पानी लें, और इसके बाद इसे फेंके नहीं बल्कि इसका इस्तेमाल साफ-सफाई या अन्य काम में कर सकते हैं, इससे जल संरक्षित किया जा सकेगा।
  5. • गाड़ी वगैरह धोने के लिए पाइप का इस्तेमाल नहीं करें, बल्कि एक बाल्टी या मग का इस्तेमाल करें, ऐसा करने से पानी की बचत होगी।
  6. • नहाने के लिए फव्वारे का इस्तेमाल न करें बल्कि बाल्टी में भरकर नहाएं, इससे पानी की बचत होगी।
  7. • सार्वजनिक स्थलों में लगी पानी की टंकियों को अगर ऑटोमेटिक कर दिया जाए तो इससे पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
  8. • रासायनिक उर्वरक और खाद की जगह पर किसानों को कम्पोस्ट या फिर जैविक खाद इस्तेमाल करना चाहिए। इससे पानी की बचत होगी।
  9. • बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए उचित इंतजाम करने चाहिए, क्योंकि दूषित पानी प्राकृतिक जल स्त्रोत से मिलकर पूरा जल दूषित कर देते हैं, जिससे पीने योग्य पानी का संकट गहरा जाता है। पीने योग्य पानी का कारखानों में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  10. • नदियों पर छोटे-छोटे बांध बनाए जाएं, जिससे बांधों में पानी इकट्ठा हो सके, और इसका इस्तेमाल किया जा सके।
  11. • हर गांव में जल संरक्षण के लिए तालाब बनाया जाना चाहिए, जिससे पानी की बचत की जा सके।
  12. • पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए, जिससे पर्यावरण में नमी पहुंचेगी और वर्षा होगी, इससे जल संरक्षण करने में मदद मिलेगी।

जल प्रवाह के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
इस तरह सभी को जल संरक्षण के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिएं, तभी पानी की समस्या से निपटा जा सकता है।

संपर्क करेंः अक्षत कोहली, 5/104, विपुल खंड, गोमती नगर, लखनऊ-226 010 मो. 9454410037


 

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Post By: Kesar Singh
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