विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की तरफ से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में प्रिन्ट और इलेक्ट्रानिक संचार माध्यमों से जुड़े पत्रकारों से एक अल्पावधि (6 सप्ताह) की मीडिया फैलोशिप( साल 2010) के लिए आवेदन आमंत्रित है। फैलोशिप के अन्तर्गत कुल 95,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही फैलोशिप की अवधि में यात्रा सहित अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए 55,000 रुपये की राशि अलग से निर्धारित की गई है।(आवेदन भेजने की आखिरी तारीख 15 फरवरी 2010 है)
ग्रामीण भारत के बहुमुखी संकट पर केंद्रित इस फैलोशिप के लिए अख़बार, पत्रिका, रेडियो, टीवी, इंटरनेट या फोटो पत्रकारिता से जुड़े पत्रकार आवेदन कर सकते हैं। फैलोशिप के लिए मुद्दे या प्रोजेक्ट का चयन गंवई इलाके में आजीविका की दशा, खेतिहर संकट, खेती-किसानी और पर्यावरण, अभाव की दशा में पलायन, भुखमरी या कुपोषण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी संकट, सशक्तीकरण, ग्रामीण इलाके में विधि और न्याय के मसले के इर्द-गिर्द किया जाना चाहिए। इन्हें विजयगाथा(सक्सेस स्टोरी), सकारात्मक पहल, नीतिमूलक विकल्प आदि कोनों से प्रस्तुत किया जा सकता है।
चयन के बाद आवेदक अख़बार में रिपोर्ट , आलेख या फिर फोटो-फीचर के रुप में या फिर रेडियो और टेलीविजन पर पैकेज की शक्ल में संबंद्ध विषय पर प्रस्तुति करें। प्रस्तुति में इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज (सीएसडीएस) का साभार उल्लेख होना चाहिए। छह हफ्ते की इस फैलोशिप में चार हफ्ते समाचार या सामग्री एकत्र करने के लिए रखे गए हैं और शेष दो हफ्ते लेखन-प्रोड्क्शन-संपादन या फिर एकत्र सूचनाओं को सुसंबद्ध विन्यास देने के लिए।
मीडिया संगठनों में कार्यरत सभी पेशेवर पत्रकार और फ्रीलांसर( किसी प्रकाशन समूह या मीडिया संस्थान से प्रकाशन-प्रसारण का वादा प्रस्तुत करने पर)इसी फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी को मीडिया संस्थान से इस आशय का वादा प्रस्तुत करना होगा कि फैलोशिप के अन्तर्गत तैयार की गई सामग्री को संस्थान अपने मनचीते रुप ( रिपोर्टोंमाला, यात्रा-वृतान्त, संपादकीय या ऑप-एड पन्ने के आलेख, फोटो-फीचर, डाक्यूमेंट्री या रेडियो-टीवी पैकेज) में प्रकाशित-प्रसारित करेगा। चयनित अभ्यर्थियों के नाम की घोषणा फरवरी माह के मध्यवर्ती हफ्ते में की जाएगी और फैलोशिप की अवधि की गणना 1 मार्च, 2010 से की जाएगी। अभ्यर्थियों का चयन विकास के मुद्दे पर सक्रिय जाने-माने विचारक और पत्रकारों के निर्णायकमंडल द्वारा किया जाएगा। फैलोशिप के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली राशि का दो तिहाई हिस्सा परियोजना की शुरुआत में दी जाएगा, शेष रकम परियोजना के पूरे होने के प्रमाण प्रस्तुत करने पर दी जाएगी।
अभ्यर्थी अपने CV (ए-4 साइज के 3 पन्नों से अधिक नहीं) के साथ निम्नलिखित को संलग्न करें-
1. परियोजना का एक प्रस्ताव(500 शब्दों से अधिक नहीं)
2. स्टोरी, रिपोर्ट, फोटो-फीचर, पैकेज के लिए मूल विचार का क्रमवार पल्लवन (200 शब्दों में)
3. यात्रा, यात्रावधि में रहने-ठहरने सहित अन्य खर्चे का संक्षिप्त नोट (अधिकतम 55 हजार रुपये के दायरे में)
4. पूर्व प्रकाशित-प्रसारित कार्य के दो नमूने(हिन्दी या अंग्रेजी में)
5. संपादक या कार्यकारी संपादक से 4 हफ्ते की छुट्टी और परियाजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सामग्री के प्रसारण-प्रकाशन के वायदे का एक पत्र।
6. (अभ्यर्थी अगर फ्रीलांसर है तो संपादक से परियोजना के अन्तर्गत तैयार की गई सामग्री के प्रसारण-प्रकाशन की मंजूरी की चिट्ठी संलग्न करे)
7. अभ्यर्थी के पिछले कामों के आधार पर फैलोशिप के लिए योग्य होने की एक सिफारिशी चिट्ठी(रिकॉमेंडेशन लेटर)।
शर्तें :
1. निर्णायकमंडल का निर्णय अंतिम समझा जाएगा।
2. सभी भुगतान टीडीएस नियमों के अन्तर्गत किए जाएंगे।
3. यदि अभ्यर्थी परियोजना को पूरा करने या फिर परियोजनाधीन सामग्री को प्रकाशित-प्रसारित करने में असफल रहता है तो इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की तरफ से दी जाने वाली अग्रिम राशि वापस ले ली जाएगी।
अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ लें।
फैलोशिप के अन्तर्गत प्रस्तुत सामग्री वेबसाईट (im4change.org) पर भी अपलोड की जाएगी।
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