वेस्ट दिल्ली, 21 जनवरी (विजय प्रकाश राय) : दिल्ली के देहात क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा से कई विधायक चुनकर जाते हैं।
लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि आज तक इस क्षेत्र के विकास के लिए किसी विधायक ने कुछ नहीं किया है। अब के चुनावों में लोगों का कहना है कि वह उस पार्टी के प्रत्याशी को वोट करेंगे, जो उनके खेतों के लिए पानी दिला पाएगा।
मतलब साफ है कि वोट उसे मिलेगा जो खेतों में ट्यूबवेल लगवाने की परमिशन दिला पाएगा। यह मुद्दा देहात क्षेत्र में बहुत पुराना है। लेकिन हर बार चुनावों में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रत्याशी वादा कर जाते हैं, जो कभी पूरा नहीं हुआ।
देहात क्षेत्र में खेती ही आज भी लोगों के मुख्य रोजगार में शामिल है। लेकिन पानी की कमी के चलते हर वर्ष लोगों को यहाँ सिंचाई के लिए परेशानी उठनी पड़ती है क्योंकि इस क्षेत्र में सरकार ने खेतों में ट्यूबवेल लगाने की परमिशन नहीं दी है। जबकि लम्बे समय से यहाँ ट्यूबवेल लगाने की माँग की जा रही है। इसके लिए लोग सरकारी प्रतिनिधियों के दफ्तरों के चक्कर तो काट ही रहे हैं साथ ही जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों में भी जाकर अपना रोना रोते हैं। बावजूद इसके आज तक कोई विधायक यहाँ ट्यूबवेल लगाने की परमिशन नहीं दिला सका है। जबकि देहात की ज्यादातर विधानसभाओं ने कांग्रेस के विधायक लम्बे समय से जीतते आ रहे हैं और अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान भी यहाँ की समस्याओं को वह हल नहीं कर सके। यही वजह है कि आने वाले चुनावों में लोग वोट से पहले पानी की माँग को रखना चाह रहे हैं।
लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि आज तक इस क्षेत्र के विकास के लिए किसी विधायक ने कुछ नहीं किया है। अब के चुनावों में लोगों का कहना है कि वह उस पार्टी के प्रत्याशी को वोट करेंगे, जो उनके खेतों के लिए पानी दिला पाएगा।
मतलब साफ है कि वोट उसे मिलेगा जो खेतों में ट्यूबवेल लगवाने की परमिशन दिला पाएगा। यह मुद्दा देहात क्षेत्र में बहुत पुराना है। लेकिन हर बार चुनावों में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रत्याशी वादा कर जाते हैं, जो कभी पूरा नहीं हुआ।
खेतों में सिंचाई के लिए नहीं है पानी
देहात क्षेत्र में खेती ही आज भी लोगों के मुख्य रोजगार में शामिल है। लेकिन पानी की कमी के चलते हर वर्ष लोगों को यहाँ सिंचाई के लिए परेशानी उठनी पड़ती है क्योंकि इस क्षेत्र में सरकार ने खेतों में ट्यूबवेल लगाने की परमिशन नहीं दी है। जबकि लम्बे समय से यहाँ ट्यूबवेल लगाने की माँग की जा रही है। इसके लिए लोग सरकारी प्रतिनिधियों के दफ्तरों के चक्कर तो काट ही रहे हैं साथ ही जनप्रतिनिधियों के कार्यालयों में भी जाकर अपना रोना रोते हैं। बावजूद इसके आज तक कोई विधायक यहाँ ट्यूबवेल लगाने की परमिशन नहीं दिला सका है। जबकि देहात की ज्यादातर विधानसभाओं ने कांग्रेस के विधायक लम्बे समय से जीतते आ रहे हैं और अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान भी यहाँ की समस्याओं को वह हल नहीं कर सके। यही वजह है कि आने वाले चुनावों में लोग वोट से पहले पानी की माँग को रखना चाह रहे हैं।
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Post By: Shivendra