प्रदूषण फैला रही कंपनियों पर क्यों नहीं लगाया ताला

हाई कोर्ट ने प्रदूषण फैला रही फैक्टियों को बंद करने का नोटिस थमाने के बाद भी बंद नहीं होने पर सख्त नाराजगी जताई है, साथ ही सरकार को सोमवार तक शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(पीसीबी) के अधिवक्ता ने औद्योगिक इकाइयों की सूची पेश की। साथ ही कहा कि प्रदूषण फैला रही फैक्टियों को नोटिस जारी किए गए थे मगर पुलिस, प्रशासन व ऊर्जा निगम का सहयोग नहीं मिलने की वजह से फैक्टियों में ताला नहीं लग पा रहा है।

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से सोमवार तक माँगा है हलफनामा 

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में ऊधमसिंह नगर जिले के निवासी हिमांशु चंदोला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। पूर्व में सरकार ने मौखिक रूप से कोर्ट को बताया था कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अब तक मानकों को पूरा नहीं करने वाली 20 फीसद या करीब 130 कंपनियों को बंद करने का नोटिस दिया गया था। केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड से प्रदेश की सभी फैक्टियों की सूची मांगी गई थी, जो प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन कर रही हैं।

प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी जताई नाराजगी, कहा : प्रशासन, पुलिस व ऊर्जा निगम का नहीं मिल रहा सहयोग

इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिवक्ता ने कोर्ट में सभी फैक्टियों की सूची पेश की। साथ ही बताया कि प्रदूषण फैला रही कंपनियों केा बंद करने के नोटिस दिए गए थे लेकिन प्रशासन, पुलिस व ऊर्जा निगम के असहयोग की वजह से इन फैक्टियों को बंद कराने में दिक्कत हो रही है। यहां उल्लेखनीय है कि जनहित याचिका में कहा गया था कि ऊधमसिंहनगर जिले में दो दर्जन से अधिक फैक्टियों द्वारा जल व वायु प्रदूषण फैलाया जा रहा है। इस वजह से हेपेटाइटिस बीमारी से मौत भी हो गई।

पीसीबी के अधिवक्ता ने कोर्ट में सभी फैक्ट्रियों की सूची पेश की 

इन फैक्टियों द्वारा बहाए जा रहे पानी से नदियां भी प्रदूषित हो गई हैं। खेती भी प्रभावित हो गई है। कोर्ट ने नोटिस के बाद भी फैक्टियों पर कार्रवाई नहीं होने के मामले में सरकार को सोमवार तक हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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