सफेद मशरूम को वनस्पति जगत में ‘एगैरिकस बाइस्पोरस’ नाम से जाना जाता है। इन्हें सामान्य रूप से वनस्पति श्रेणी में रखा गया है। यह एक खाने योग्य कवक है और मुख्य रूप से अमेरिका एवं यूरोप का उत्पाद है। अब इस कवक का उत्पादन विस्तृत हो गया है। इसका संवर्धन लगभग 70 से भी अधिक देशों में किया जाता है। मशरूम एक खाद्ययोज्य है यह उच्च पोषक तत्वों और स्वास्थ्यवर्द्धक पदार्थ के रूप में भोजन का एक अच्छा विकल्प है।
मशरूम में उपस्थित पोषक तत्व
1. मशरूम वसा-रहित, कोलेस्ट्रॉल रहित तथा ग्लूटन-रहित खाद्य पदार्थ है। इसमें सोडियम कम मात्रा में तथा प्रोटीन, अमीनो एसिड, डाइटरी फाइबर, विटामिन (A, C, D, E, K, B6, B12), खनिज (कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, सोडियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम) और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
2. मशरूम विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। यह विटामिन डी की कमी को दूर करता है जो आजकल की बेहद आम समस्या है। यह कोशिका वृद्धि नियमन में सहायता कर कैंसर की वृद्धि को रोकता है।
3. मशरूम में उपस्थित कई विटामिन ब्रेनफॉग और थॉयराइड विकृतियों को भी रोकते हैं।
4. मशरूम कॉपर तत्व का अच्छा स्रोत होने के कारण रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और कोलेजन (एक प्रकार की प्रोटीन जो हमारी हड्डियों को टूटने से बचाता है) के निर्माण में भी सहायक है।
5. कैल्शियम तत्व उपस्थित होने के कारण मशरूम रक्त से लौह (आयरन) के अवशोषण को बढ़ाने एवं इसके संचालन में मदद करता है।
6. मशरूम में फास्फोरस की उपस्थिति के कारण यह हड्डियों के लिये अच्छा है क्योंकि हड्डियों को मजबूत बनाने वाले ये अकार्बनिक खनिज ऊतकों की मदद करते हैं। इसी प्रकार फॉस्फोरस डी.एन.ए. निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण हैं।
7. मशरूम में विभिन्न प्रकार के फिनोलिक यौगिकों सहित बहुत से द्वितीयक मेटाबोलाइट्स पाये जाते हैं जो विशिष्ट एंटीऑक्सीडेंट गुणों को प्रदर्शित करते हैं।
8. मशरूम में सिलीनियम की उपस्थिति के कारण यह किलर टी-सेल, बी एवं टी लिम्फोसाइट कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है और फ्री-रेडिकल क्षति से भी बचाता है। यह यकृत एन्जाइम क्रियाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है एवं कुछ कैंसर कारकों के प्रभाव को कम करके ट्यूमर वृद्धि, सूजन और जलन को रोकता है, इस प्रकार प्रतिरक्षा तन्त्र के सन्तुलन में सहायक होता है। मशरूम सिलीनियम एंटीऑक्सीडेंट की मदद से उम्र के प्रभाव को कम करता है। यह पुरुषों में फर्टीलिटी को भी बढ़ाता है।
9. मशरूम एक लाभदायक एंटीऑक्सीडेंट अर्गोस्टेरॉल का भी अच्छा स्रोत है।
10. मशरूम एस्ट्रोजन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है जो महिलाओं में जनन चक्रों एवं पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन के लिये महत्त्वपूर्ण होता है। हालाँकि दोनों ही हॉर्मोनों का अत्यधिक उत्पादन बहुत-सी समस्याएँ पैदा करता है।
11. मशरूम शरीर में जर्मेनियम की पूर्ति करता है। यह एक ऑक्सीजन वर्धक तत्व है जोकि फ्री रेडिकल डैमेज से लड़ता है।
12. मशरूम में कुछ प्रभावी फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो रक्त कोशिकाओं को रक्त कोशिका भित्तियों से चिपकने से बचाता है और रक्त दाब एवं रक्त संचार के स्वस्थ संचालन के लिये महत्त्वपूर्ण होता है।
13. मशरूम महत्त्वपूर्ण रूप से एक प्रतिशोध (ऐंटी इंफ्लेमेट्री) कारक के रूप में सक्रिय होता है जो दमा, गठिया, अर्थराइटिस, किडनी फेल्योर और स्टोक डैमेज से पीड़ित मरीजों के लिये अच्छा है।
14. मशरूम में बीटा-ग्लूकन्स एवं पॉलीसैकेराइड की उपस्थिति शरीर के प्रतिरक्षा तन्त्र के संचालन में महत्त्वपूर्ण है।
15. मशरूम छालों (अल्सर), घावों को भरने में सहायक तथा संक्रमण को भी फैलने से रोकता है।
16. मशरूम दीर्घकालिक रोगों से भी लड़ने में मदद करता है।
रोगों के उपचार में प्रभावी मशरूम
रक्तदाब : मशरूम में उपस्थित उच्च पोटैशियम जो रक्त कोशिकाओं में तनाव को कम कर रक्त दाब के खतरे को रोकता है। पोटैशियम मस्तिष्क में ऑक्सीजन एवं रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जो तन्त्रिका गतिविधियों को बढ़ाता है। एक अध्ययन के अनुसार अधिक पोटैशियम का सेवन स्मृति को बढ़ाता है।
रक्ताल्पता : शरीर में आयरन की कमी यानी रक्ताल्पता से पीड़ित मरीजों को थकान, सिरदर्द, पाचन विकारों, तन्त्रिकीय क्रियाओं में कमी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे लोगों के लिये मशरूम का सेवन फायदेमन्द है जो आयरन से भरपूर होने के कारण लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।
अस्थि-सुषिरता : मशरूम कैल्शियम का अच्छा स्रोत है जो हड्डियों की मजबूती के लिये आवश्यक है। इसका सेवन अस्थि-सुषिरता और जोड़ों में दर्द से बचाता है।
प्रतिरक्षा तन्त्र : मशरूम का सेवन शरीर के ऊतकों की मरम्मत के दौरान कोशिकाओं द्वारा कुछ प्रोटीन्स और ऐंटीवायरल के स्राव द्वारा प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत बनाता है। यह बोनमैरो से डैन्ड्राइटिक कोशिकाओं के विकास में भी सहायक होता है। मशरूम में विटामिन सी की उपस्थिति भी प्रतिरक्षा तन्त्र को स्वस्थ बनाती है।
मोटापा : वसा रहित होने के कारण सफेद मशरूम का सेवन मोटापे को कम करता है।
हृदय रोग : सफेद मशूम में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है ये कोलेस्ट्रॉल-रहित होते हैं। इनमें उपस्थित कुछ प्रोटीन पाचन के दौरान कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
डायबिटीज : मशरूम में अधिक फाइबर की उपस्थिति रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करती है जो टाइप-1 डायबिटीज पीड़ितों के लिये अच्छा है। इसी प्रकार यह इंसुलिन एवं लिपिड स्तर को भी बढ़ाता है जो टाइप-2 डायबिटीज पीड़ितों के लिये अच्छा है। मशरूम में प्राकृतिक इंसुलिन और एंजाइम होते हैं जो भोजन में उपस्थित स्टार्च एवं शर्करा को तोड़ने में मदद करता है। मशरूम में उपस्थित ऐंटीबायोटिक डायबिटीज की गम्भीर एवं जानलेवा स्थितियों से भी बचाता है।
कैंसर : मशरूम विभिन्न तरीकों से अलग-अलग कैंसर से लड़ने में भी मदद करता है। इसका सेवन ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलन कैंसर के मरीजों के लिये फायदेमन्द है। यह अत्याधिक एस्ट्रोजेन स्तर से होने वाले खतरों से भी बचाता है। मशरूम में उपस्थित फोलेट यौगिक डीएनए के निर्माण एवं मरम्मत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिससे ये डीएनए में उत्परिवर्तन से होने वाले कैंसर से भी लड़ता है। मशरूम में कॉन्जुगेटेड लिनोलिक एसिड (CLA) और पॉलीअनसैचुरेटेड ओमेगा-6 फैटीएसिड नामक न्यूट्रलाइजिंग तत्व पाये जाते हैं जो विभिन्न प्रकार से कैंसर को रोकने में महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावी होते हैं।
मशरूम द्वारा मोबाइल फोन बैटरी का निर्माण अभी हाल ही में अमेरिका के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के कुछ अनुसन्धानकर्ताओं ने पोर्टबेलो मशरूम लीथियम आयन बैटरी बनाई और बताया कि किस प्रकार धात्विक नैनो कणों को मशरूम से जोड़कर एक लम्बे समय तक चलने वाली बैटरी बनाई जा सकती है क्योंकि बैटरी में लीथियम आयनों को संचित करने के लिये कार्बन आवश्यक है और मशरूम में उपस्थित कार्बन फाइबर्स को कोबाल्ट ऑक्साइड कणों से जोड़ने पर एक मिश्रित डिजाइन तैयार होता है। जिसमें कार्बन फाइबर्स और कोबॉल्ट ऑक्साइड कण एक साथ कार्य कर आयनों एवं परिवहनीय इलेक्ट्रॉनों को रोकने में समर्थ होते हैं। अभी तक लीथियम आयन बैटरियों को कृत्रिम ग्रेफाइट की मदद से बनाया जाता था, जिसके शोधन और निर्माण प्रक्रिया में हाइड्रोक्लोरिक और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे रसायनों का प्रयोग होने के साथ ही यह कीमती और पर्यावरण प्रतिकूल भी था। मशरूम में अधिक कार्बन की उपलब्धता इसकी कम कीमत और पर्यावरण अनुकूलता इसे ग्रेफाइट का एक अच्छा विकल्प बनाती है। इन बैटरियों का जैवनिम्नीकरण भी आसानी से हो सकता है। |
सम्पर्क सूत्र :
सुश्री नितिका सेठ, 4/114 विपुल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ 226 010 (उत्तर प्रदेश), [ई-मेल : sethnitika02@gmail.com]
/articles/paosaka-tatavaon-kaa-khajaanaa-masarauuma