प्लास्टिक और बीपीए के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह हमारी एंडोक्राइन से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाने का काम करता है। इससे कैंसर का भी खतरा रहता है। यही वजह है कि ज्यादातर लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। वो इसकी जगह पर दूसरे धातुओं से बने बर्तनों जैसे कि तांबे की बोतल या गिलास का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहाँ हम आपको ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से बचें और स्वस्थ रहें।
सभी प्लास्टिक की वस्तुओं पर एक संख्या लिखी रहती है। यह एक त्रिकोणीय चिन्ह है, जिसमें एक संख्या के साथ तीर उकेरे हुए होते हैं। संख्याएँ उपभोक्ताओं को प्लास्टिक के ग्रेड के बारे में बताती हैं कि वो दोबारा इस्तेमाल के लिये सही हैं या नहीं। लगभग सभी प्रकार के प्लास्टिक से भोजन में विषाक्त पदार्थ रिसते हैं, लेकिन संख्या 2, 4, 5 सुरक्षित माने जाते हैं, जबकि 1 और 7 को सावधानी के साथ प्रयोग करना चाहिए 3 और 6 को बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पानी पीने में भी बरतें सावधानी
अगर आप किचन में एक मटका रखना चाहें तो यह एक अच्छा विचार हो सकता है। पीने का पानी मिट्टी के बर्तनों में रखना चाहिए क्योंकि, यह सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप चाहें तो तांबे के गिलास और बोतल भी खरीद सकते हैं।
कपड़े के बैग का इस्तेमाल करें
ये पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और प्लास्टिक का एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। हम अक्सर किराना और सब्जियाँ पॉलीथीन बैग में लेकर घर आते हैं, जो पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचाते हैं और हमें भी। वहीं कपड़े से बने बैग ठीक ठाक रहें इसके लिये इनकी समय-समय पर सफाई करनी चाहिए। वरना इसमें गन्दगी और बैक्टीरिया भर सकते हैं।
डिस्पोजेबल बर्तन से बचें
डिस्पोजेबल बर्तन सुविधाजनक होते हैं लेकिन हमारी सेहत के लिये कई तरीकों से नुकसानदायक हो सकते हैं। इसके बजाय आप सूखे पत्तों से बनी बर्तन या पत्तल जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो बायोडिग्रेडेबल होते हैं और आपकी सेहत के साथ पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुँचाते।
ऑफिस के लिये एक मग खरीदें
थर्मोकोल या प्लास्टिक के कप से कॉफी पीना थॉयराइड जैसी हार्मोनल समस्याओं का कारण हो सकता है। गर्म पेय पदार्थों में बीपीए जैसे विषाक्त पदार्थ घुल जाते हैं और हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसलिये ऑफिस में चाय-कॉफी पीने के लिये एक मग ले जाकर वहाँ रखें।
प्लास्टिक के डब्बों में खाना गर्म करने से बचें
कुछ प्लास्टिक माइक्रोवेव के अनुकूल नहीं होते हैं। माइक्रोवेव में इन डब्बों को रखने से पहले हमेशा प्लास्टिक कंटेनर के ग्रेड की जाँच करें। ओवन के अन्दर काँच या उन चीजों का इस्तेमाल करें जो माइक्रोवेव के अनुकूल हो सकती हैं।
ताजा खाएँ
डब्बाबन्द भोजन खाना कम करें। इसके बजाय फ्रेश चीजें खाएँ। टिन के डब्बे में अन्दर की तरफ प्लास्टिक की परत होती है और यह प्लास्टिक आपके भोजन में घुलकर नुकसान पहुँचाता है।
सिरेमिक जार का प्रयोग करें
काँच या सिरेमिक की तुलना में प्लास्टिक की चीजें सुविधाजनक तो लगती हैं लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि प्लास्टिक पीईटी डब्बों में तेल, मसालों और अनाज जैसी चीजें रखने से एंटीमोनी और बीपीए जैसे विषाक्त पदार्थ भोजन में घुल सकते हैं। इसीलिये थोड़े अधिक पैसे खर्च करके काँच, सिरेमिक या धातुओं के डब्बे खरीदें।
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