घाघ और भड्डरी 24 Mar, 2010 . 1 min read Facebook Twitter SHARE पछिवाँ हवा ओसावै जोई। घाघ कहै घुन कबहुँ न होई।।भावार्थ- यदि पछुवा हवा में अनाज को ओसाया जाय तो घाघ के अनुसार उसमें कभी भी घुन नहीं लगेगा। Path Alias /articles/pachaivaan-havaa-osaavaai-jaoi Post By: tridmin Topic Sub Categories पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा Regions भारत Email Address View the discussion thread.