धार जिले के पीथमपुर में एक हादसे में पानी में आग लगने का मामला सामने आया। यहाँ कम्पनी से निकलने वाले एक नाले में सुबह 9 बजे अचानक आग लग गई। इस नाले के सम्बन्ध में रहवासी कई बार शिकायत कर चुके हैं। पानी के प्रदूषण को लेकर इस इलाके में चिन्ता बढ़ रही है। इस तरह के हालात को देखकर तो यही लगता है कि जिले के पानी में किस तरह से जहर मिलाया जा रहा है। हद तो यह है कि घातक रसायन ही पानी के नाले में छोड़े जा रहे हैं। इसी से आग रही है।
पीथमपुर के सेक्टर नम्बर दो इलाके की प्रीति नगर रहवासी कॉलोनी से गुजरने वाला एक नाला अचानक सुलग उठा। देखते-ही-देखते नाले में बह रहे पानी के एक बड़े हिस्से में आग लग गई। रहवासी क्षेत्र के इस नाले के किनारे करीब 10 घर बताए जाते हैं, जिनमें रहने वाले लोग एहतियातन घरों से दूर चले गए। नाले से उठता धुआँ काफी दूर तक देखा जा रहा था। इसके बाद आसपास के लोग तुरन्त ही आग बुझाने के लिये पहुँच गए। आग करीब 1 घंटे तक जलती रही, लेकिन न तो कोई स्थानीय अधिकारी और न ही कम्पनी का कोई जिम्मेदार इस दौरान वहाँ पहुँचा।
आग बुझने के बाद पहुँचे बुझाने
आग के बुझ जाने के बाद पुलिस के साथ स्थानीय पटवारी भी मौके पर पहुँचे और आग के कारणों की जाँच करने लगे। इनकी सूचना के बाद एसडीएम नीरज सिंह भी वहाँ पहुँचे और मामले की जानकारी ली। इसके काफी बाद दोपहर करीब 3 बजे प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी लोकेंद्र त्रिवेदी पहुँचे और मौके का मुआयना किया।
पहले भी लग चुकी है आग
आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक इस नाले में पास की ही दिग्गज कम्पनी का गन्दा पानी आता है। इस पानी में तैलीय ज्वलनशील तत्व होते हैं जिनमें आग लगने का खतरा हमेशा रहता है। दो वर्ष पहले भी इसी तरह इस नाले में आग लग चुकी है। बताया जाता है कि इस नाले में आयशर के साथ कुछ और दूसरे कारखानों का गन्दा पानी भी मिल रहा था। नियमों के मुताबिक यह भी गलत है।
नहीं सुनते प्रशासनिक अधिकारी
यहाँ रहने वाले कैलाश पाटीदार ने कहा कि वे और कॉलोनी के दूसरे लोग इस नाले में आ रहे गन्दे पानी की शिकायत प्रशासन से पहले भी कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें गम्भीरता से नहीं लिया। यही नहीं, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से भी इस समस्या का हल माँगा गया लेकिन उन्होंने भी मामला टाला।
जाँच कर करेंगे कार्रवाई
नाले में आग लगी थी। इसमें कोई ज्वलनशील पदार्थ बह रहा था फिलहाल घटना की पूरी जानकारी मुझे नहीं है। जाँच पूरी कर कार्रवाई की जाएगी। लोकेंद्र त्रिवेदी, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, पीथमपुर
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