सिडनी की तर्ज पर दून में भी पानी की बर्बादी पर एक्शन होगा। दून कैंट बोर्ड इस दिशा में सख्त हो गया है। कैंट बोर्ड की ओर से बकायदा विज्ञप्ति छपवाकर लोगों को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने पानी की बर्बादी नहीं रोकी तो उन पर भी जुर्माना लगाया जाएगा। जो पानी को बर्बाद करते हुए पाया जाएगा, उसके घर के पानी का कनेक्शन काट दिए जाएगा। कनेक्शन काटने पर आने वाला पूरा खर्च भी उसी व्यक्ति से वसूला जाएगा।
नल खुला छोड़ने पर एक्शन
पानी के संकट को देखते हुए जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में नल खुला छोड़ने को अपराध की श्रेणी में ला दिया गया है। उसी तरह से दून में भी माहौल बनता जा रहा है। खासकर कैंट बोर्ड इस दिशा में सख्त हो गया है, यहां आए दिन पहुंचने वाली पानी की बर्बादी को गंभीरता से लिया जाएगा।
दून कैंट बोर्ड की चेतावनी
दून कैंट बोर्ड की ओर से पानी के दुरुपयोग को लेकर लोगों के लिए चेतावनी जारी की गई है। जिसके तहत कैंट एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। लोगों को चेतावनी दी गई है कि यदि कोई भी दून कैंट क्षेत्र में पानी की बर्बादी करता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उसके घर का कनेक्शन काट दिया जाएगा और उसके लिए किए जाने वाले गड्ढे सहित लाइन हटाने तक का खर्च वही व्यक्ति देगा।
कैंट बोर्ड का अपना सिस्टम
यदि दून की बात की जाए तो यहां शहर की पेयजल सप्लाई जल संस्थान देखता है। कैंट बोर्ड का वाटर सप्लाई का अपना सिस्टम है। कैंट बोर्ड खुद ही पानी के बिलों की वसूली करता है और खुद ही योजनाएं बनाकर पानी सप्लाई करता है। कैंट बोर्ड के शर्मा का कहना है उनकी ओर से चेतावनी जारी करने को कहा गया है और कार्रवाई भी की जाएगी। देहरादून की संध्या विश्वकर्मा का कहना है कि देश में पानी की बर्बादी रोकने के लिए कानून बनना ही चाहिए। क्योंकि पानी जीवन का महत्वपूर्ण तत्व है। इसे बर्बाद करने वालों के खिलाफ सिडनी की तर्ज पर सभी जगह कानून बनना चाहिए।
जल संस्थान की बर्बादी
शहर की बात करें तो यहां पानी की बर्बादी करने में जल संस्थान भी पीछे नहीं है। शायद यही वजह है कि संस्थान की ओर से इस दिशा में खुलकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जल संस्थान के जिन ट्यूबवेल से टैंकर भरते हैं। वहां एक टैंकर भरकर हटाए जाने से लेकर दूसरे टैंकर तक के समय में एक ही बार में सौ नलों जितना पानी बर्बाद हो जाता है। बावजूद इसके इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
जल संस्थान सिर्फ अपील तक सीमित
जल संस्थान की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है लेकिन अपील जरूर की जाती है। विभाग की ओर से लोगों से पानी बर्बाद न करने को लेकर अपील की जाती है। यहां तक कि विभाग के अधिकारी किसी को सड़क गार्डन में पानी बर्बादी करते देखते हैं तो गाड़ी रोक कर उनसे पानी की बचत करने को कहते हैं। जल संस्थान के सीजीएम एसके शर्मा कहते हैं, जल संस्थान की ओर से पंपलेट के माध्यम से लोगों से पानी बर्बाद नहीं करने की अपील की जाती है।
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