ऊपर पानी
नीचे पानी
पानी बीच ज़िन्दगानी है
घूँट-घूँट में
बूँद-बूँद में
रंगत और रवानी है
कितनी जानी-पहिचानी है
पानी की आवाज़
जनम-जनम से
नाभिनाल इससे ही
अपनी बोली-बानी है।
नीचे पानी
पानी बीच ज़िन्दगानी है
घूँट-घूँट में
बूँद-बूँद में
रंगत और रवानी है
कितनी जानी-पहिचानी है
पानी की आवाज़
जनम-जनम से
नाभिनाल इससे ही
अपनी बोली-बानी है।
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