नरसी गेहूँ सरसी जवा।
अति के बरसे चना बवा।।
शब्दार्थ- नरसी – नीरस या शुष्क।
भावार्थ- गेहूँ की बोवाई खुश्क खेत में और जौ की तर खेत में करनी चाहिए, लेकिन यदि पानी अधिक बरसे तो उसमें चना बोना चाहिए।
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