बजट में पवित्र गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन के तहत 2037 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा गंगा के लिए प्रवासी भारतीय निधि बनाने का तथा इलाहाबाद से हल्दिया तक वाणिज्यिक नौवहन शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2014-15 का बजट पेश करते हुए आज कहा कि गंगा नदी के संरक्षण तथा सुधार पर भारी राशि खर्च की जा चुकी है लेकिन सभी हितधारकों द्वारा समन्वित प्रयासों के अभाव में अपेक्षित परिणाम नहीं निकले हैं। उन्होंने अपने बजट में समन्वित गंगा संरक्षण मिशन ‘नमामि गंगे’ का प्रस्ताव करते हुए कहा कि इस मिशन के लिए वर्तमान बजट में 2037 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
जेटली ने कहा कि गंगा नदी के संरक्षण की दिशा में योगदान करने के लिए प्रवासी भारतीय समुदाय को प्रोत्साहित करने के मकसद से एनआरआई निधि की स्थापना की जाएगी, जो इससे संबंधित विशेष परियोजनाओं का वित्तपोषण करेगी।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि केदारनाथ, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, पटना और दिल्ली में नदियों के किनारे घाटों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। उन्होंने कहा कि नदियों के पवित्र किनारे और घाट हमारी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत हैं।
गंगा नदी को स्वच्छ करने और इसके निर्मलीकरण के साथ ही वित्त मंत्री ने अपने बजट में इसके द्वारा जिन्सों की परिवहन क्षमता बढ़ाने के लिए अंतरदेशीय जलमार्ग के विकास के लिए भी योजना पेश की। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 किलेामीटर लंबे जलमार्ग के विकास के लिए ‘राष्ट्रीय जलमार्ग-1’ नामक एक गंगा परियोजना विकसित की जाएगी।
जेटली ने बताया कि इससे कम से कम 1500 टन की भार क्षमता वाले पोतों का वाणिज्यिक नौवहन होगा। इस नौ परिवहन को अमली जामा पहनाने पर 4200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी और यह परियोजना छह वर्ष में पूरी होगी।
गंगा की सफाई के लिए प्रवासी भारतीयों को शामिल करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में प्रवासी भारतीयों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
वित्त मंत्री के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में प्रवासी भारतीय समुदाय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अब गंगा नदी के संरक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में प्रवासी भारतीय समुदाय महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रवासी भारतीय निधि बनाई जाएगी, जिससे विशेष परियोजनाओं के वित्तीय साधन उपलब्ध हो सकेंगे।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2014-15 का बजट पेश करते हुए आज कहा कि गंगा नदी के संरक्षण तथा सुधार पर भारी राशि खर्च की जा चुकी है लेकिन सभी हितधारकों द्वारा समन्वित प्रयासों के अभाव में अपेक्षित परिणाम नहीं निकले हैं। उन्होंने अपने बजट में समन्वित गंगा संरक्षण मिशन ‘नमामि गंगे’ का प्रस्ताव करते हुए कहा कि इस मिशन के लिए वर्तमान बजट में 2037 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
जेटली ने कहा कि गंगा नदी के संरक्षण की दिशा में योगदान करने के लिए प्रवासी भारतीय समुदाय को प्रोत्साहित करने के मकसद से एनआरआई निधि की स्थापना की जाएगी, जो इससे संबंधित विशेष परियोजनाओं का वित्तपोषण करेगी।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि केदारनाथ, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, पटना और दिल्ली में नदियों के किनारे घाटों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। उन्होंने कहा कि नदियों के पवित्र किनारे और घाट हमारी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत हैं।
गंगा नदी को स्वच्छ करने और इसके निर्मलीकरण के साथ ही वित्त मंत्री ने अपने बजट में इसके द्वारा जिन्सों की परिवहन क्षमता बढ़ाने के लिए अंतरदेशीय जलमार्ग के विकास के लिए भी योजना पेश की। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 किलेामीटर लंबे जलमार्ग के विकास के लिए ‘राष्ट्रीय जलमार्ग-1’ नामक एक गंगा परियोजना विकसित की जाएगी।
जेटली ने बताया कि इससे कम से कम 1500 टन की भार क्षमता वाले पोतों का वाणिज्यिक नौवहन होगा। इस नौ परिवहन को अमली जामा पहनाने पर 4200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी और यह परियोजना छह वर्ष में पूरी होगी।
गंगा की सफाई के लिए प्रवासी भारतीयों को शामिल करने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में प्रवासी भारतीयों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
वित्त मंत्री के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में प्रवासी भारतीय समुदाय ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अब गंगा नदी के संरक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में प्रवासी भारतीय समुदाय महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रवासी भारतीय निधि बनाई जाएगी, जिससे विशेष परियोजनाओं के वित्तीय साधन उपलब्ध हो सकेंगे।
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Post By: vinitrana