निर्मल यमुना के लिये ऐतिहासिक महाआरती


कुदेसिया घाट पर हर रोज दिखेगा बनारस सा नजारा, यमुना तट पर दिया जाएगा पर्यटन को बढ़ावा

यमुना आरती
फोटो साभार- एनडीटीवी इंडिया

नई दिल्ली। कुदेसिया घाट (गीता घाट) पर हर रोज गंगा की तरह यमुना की महाआरती की ऐतिहासिक शुरुआत शुक्रवार को हो गई। गीता घाट पर पहली आरती सीएम अरविन्द केजरीवाल की उपस्थिति में हुई। अब इस घाट पर पवित्र महाआरती की झलक लोगों को देखने को मिलेगी। इसका मकसद यमुना की निर्मलता और अविरलता को पहले की तरह बहाल करना है। ताकि लोगों के सफाई बेहतर पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़े।

महाआरती से पहले कुदेसिया घाट पर सर्वधर्म सभा और बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। फिर बनारस की तरह वहाँ के विशेष आमंत्रित महापंडितों ने पूरे विधि विधान से महाआरती की रीति को पूर्ण किया। महाआरती के शुरुआत होते ही यमुना तट आध्यात्म, भक्ति व निराकार ब्रह्म के वातावरण में डूब गया। अब यह आरती गीता घाट पर हर रोज होगी। इसे दिल्ली सरकार द्वारा आगामी महीनों में विशाल रूप देने की भी योजना है। गीता घाट यमुना की विरासत और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बने इसके लिये इसे दिल्ली के सभी प्रमुख पर्व व त्योहारों के आयोजन केन्द्र बनाया जाएगा। साथ ही कई अन्य प्रतियोगिताओं एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी इसे जोड़ा जाएगा।

इस अवसर पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। महाआरती के दौरान आमंत्रित लोगों के साथ स्थानीय लोगों ने भी भारी संख्या में शिरकत की। लोगों ने दिल्ली सरकार के इस पहल की सराहना की और कहा कि अब माँ यमुना की सेवा लोग गीता घाट पर करेंगे। लोगों ने यह भी बताया कि अब उन्हें इस पवित्र कार्य के लिये हरिद्वार व बनारस जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

यमुना में गन्दे पानी का बहाव पूर्ण प्रतिबन्धित होगा : केजरीवाल

महाआरती के अवसर पर सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली व देशवासियों से वादा करता हूँ कि माँ यमुना जो कि जल का अथाह स्रोत का प्रतीक है की विरासत और संस्कृति की पुनर्स्थापना का भरसक प्रयास करुँगा। इसके लिये दिल्ली सरकार यमुना नदी में गिरने वाले सीवेज के गन्दे पानी को रोकने और उसका ट्रीटमेंट करने पर जोर देगी। इसके लिये सीवेज नेटवर्क और नए एसटीपी प्लांट स्थापित करने का काम जोरों पर है। दो दर्जन से ज्यादा प्लांट स्थापित किये जा चुके हैं और वहाँ पर सीवेज वाटर का ट्रीटमेंट जारी है।

उन्होंने कहा कि यमुना नदी राजधानी के लोगों के लिये लाइफलाइन है। हमारी ये विरासत खात्मे के करीब है। इसलिये दिल्ली सरकार शत-प्रतिशत गन्दा पानी यमुना में गिरने से रोकने के महती काम को अंजाम देने का काम करेगी। किसी तरह के गन्दे पानी को यमुना में डालना पूरी तरह से प्रतिबन्धित किया जाएगा। चाहे वो औद्योगिक कचरा व रासायनयुक्त पानी हो या फिर सीवेज वाटर। इसे पूरी तरह से प्रतिबन्धित करने के लिये प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी।

उन्होंने इस मौके पर लोगों से अपील की कि वो तन और मन से इस अभियान में सहयोग करें। यमुना की स्वच्छता को बहाल करना केवल सरकार की प्रतिबद्धता न होकर हम सबकी प्रतिबद्धता बने इस बात के लिये आगे आना होगा। इसके लिये निर्मल यमुना अभियान चलाया जाएगा।

जन-जन से जोड़ना होगा निर्मल यमुना अभियान को : कपिल मिश्रा
पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि जिस तरह बनारस के घाट पर गंगा की आरती होती है ठीक वैसा ही नजारा यमुना के किनारे भी शुक्रवार से हर रोज देखने को मिलेगा। इस महाआरती की ऐतिहासिक अवसर पर खासतौर से बनारस से 11 पुजारियों को बुलाया गया है।

सरकार चाहती है कि इस पहल से लोगों में यमुना की लेकर जागरुकता पैदा हो साथ ही कुदेसिया घाट पर टूरिज्म भी बढ़े। कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि यमुना को जन-जन से जोड़ना है। आरती हो या स्पोर्ट्स या सांस्कृतिक कार्यक्रम सब-के-सब दिल्ली वालों को यमुना किनारे लाना है। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह एक छोटा कदम है यमुना के वैभव को फिर से लाने के लिये। उन्होंने लिखा अभी और बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री से निकलकर 375 किलोमीटर का सफर करते हुए यमुना दिल्ली तक पहुँचती है। इस बीच पल्ला से लेकर ओखला तक 27 किलोमीटर का सफर तय करती है। वजीराबाद बैराज के बाद नदी का अस्तित्व खत्म हो जाता है। सरकार का मानना है कि इस पहल से जनता सीधे यमुना से जुड़ेंगी व लोगों में इसके प्रदूषण को लेकर जागरुकता आएगी। इसके बाद इन घाटों का प्रयोग छठ घाटों के लिये किया जाएगा।

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