भारत सरकार, ग्रामीण भारत के लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और जीवन स्तर सुनिश्चित करने हेतु एक अभियान मोड़ में स्वच्छता कवरेज को बढ़ावा दे रही है। इसके कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए भारत सरकार ने ग्रामों, पंचायतों, ब्लॉकों, जिलों और राज्यों को पूरी तरह से स्वच्छ तथा खुले में शौच मुक्त रखने के लिए अक्टूबर, 2003 में “निर्मल ग्राम पुरस्कार” (एनजीपी) नामक एक प्रोत्साहन आधारित पुरस्कार योजना शुरू की तथा अपनी महत्वपूर्ण योजना-संपूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) के एक घटक के रूप में 2005 में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया। निर्मल ग्राम पुरस्कार (एनजीपी) वर्ष 2011 तक प्रदान किए जाते रहे हैं। एनजीपी में उन पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों को मान्यता प्रदान की जाती है, जिन्होंने अपने संचालन क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता कवरेज सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण रूप से योगदान दिया है। निर्मल भारत अभियान में सूचना, शिक्षा और संप्रेषण (आई.ई.सी.) दक्षता निर्माण एवं स्वच्छता के बारे में शिक्षा जो कि पूरे समुदाय को लेकर प्रभावी रूप से व्यवहार में बदलाव लाता है, उस पर जोर दिया गया है। साथ ही साथ निर्मल ग्राम पंचायत बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाएं, समुदाय आधारित संगठन, और सरकारी संस्थान इत्यादि की भागीदारी पर भी जोर दिया गया है।
वर्ष 2011 तक पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के सभी स्तरों अर्थात ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत और जिला पंचायत स्तरों पर निर्मल ग्राम पुरस्कार प्रदान किया गया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि निर्मल भारत अभियान (एनबीए) के तहत वर्ष 2012 से निर्मल ग्राम पुरस्कार प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायतों का चयन राज्यों द्वारा किया जाएगा, जबकि ब्लॉक और जिला पंचायतों का चयन केंद्र के पास बना रहेगा। तदनुसार, इन दिशानिर्देशों को तैयार किया गया है।
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