निगम विश्वा को लगा झटका

जिला पंचायत में स्वतंत्र समिति ने आपत्तियों पर इस तरह सुनवाई की थीखण्डवा में पानी के निजीकरण संबंधी स्थानीय नागरिकों की शिकायतों के निराकरण हेतु शासन द्वारा बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट में पानी के निजीकरण संबंधी नगर निगम और निजी कंपनी विश्वा यूटिलिटिज के मध्य हुए अनुबंधन को निरस्ती योग्य माना है। समिति ने अनुबंध, निजीकरण एवं टेंडर प्रक्रिया में ख़ामियाँ बताते हुए योजना को खारिज कर दिया है। समिति ने जलप्रदाय के निजीकरण के बजाय जल बोर्ड गठित करने की अनुसंशा की है तथा निजी कंपनी को पानी पर एकाधिकार प्रदान किए जाने की शर्त को भी नकार दिया है।

रपट में पानी के निजीकरण हेतु नगर निगम की निजी कंपनी के साथ मिली भगत का खुलासा करते हुए निजी कंपनी को ग़ैरक़ानूनी रूप से फायदा पहुँचाने संबंधी तथ्यों का खुलासा किया गया है। सलाहकार से मिली भगत कर उसे भी अनावश्यक आर्थिक लाभ पहुँचाने का उल्लेख है। नगर निगम की सलाहकार फर्म मेहता एण्ड एसोसिएट्स (Tel - 0731- 2561124, 4065064, Mob. 9826061124) है।

केन्द्र, सरकार समर्थित ''छोटे तथा मझौले शहरों की अधोसंरचना विकास योजना'' या Urban Infrastructure Develop Scheme for Small and Medium Towns, UIDSSMT के तहत खण्डवा की जलप्रदाय आवर्धन योजना का निर्माण किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा स्थानीय जल संसाधनों की उपेक्षा कर अनावश्यक रूप में बड़े बजट की योजना तैयार कर उसे निजी कंपनी को 23 वर्षों के लिए सौंप दिया गया है। निजीकरण के पूर्व स्थानीय जनता से सलाह मशविरा तो दूर निर्वाचित नगर निगम परिषद को भी विश्वास में नहीं लिया गया।

समिति ने कंपनी की कार्यप्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जो कंपनी 2 वर्ष का निर्माण कार्य साढ़े तीन सालों में भी पूरा नहीं कर पाई उसे 23 वर्षों के लिए शहर की जलप्रदाय व्यवस्था कैसे सौंपी जा सकती है। रिपोर्ट ने नगर निगम की मेयर इन काउंसिल (MIC) को भी कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा है कि एमआईसी को योजना के संबंध में केवल वित्तीय अधिकार प्राप्त थेलेकिन उसने निहित कारणों से योजना के स्वरूप में भी बदलाव कर दिए।

पानी के निजीकरण के खिलाफ खण्डवा में स्थानीय नागरिकों और विभिन्न सामाजिक-राजनैतिक समूहों द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। निजीकरण को कानूनी बनाने वाले नोटि‍फि‍केशन का विरोध दस हजार से अधिक परिवारों या शहर के करीब 60 प्रतिशत नल कनेक्शिनधारियों ने किया था। जिसके बाद शासन द्वारा 5 सदस्यीय समिति गठित की गई थी।

नागरिकों की शिकायतों की जांच करने हेतु श्री तरुण पिथोड़े, सीईओ, जिला पंचायत अध्यक्ष खण्डवा की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 3 जून को कलेक्टर को सौंप दी थी जिसे कल 14 जून को सार्वजनिक किया गया।

मध्य प्रदेश में पानी के निजीकरण का खण्डवा में पहला प्रयास किया जा रहा है। निजीकरण विरोधी जनमत और ताज़ा रिपोर्ट से योजना के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इस रिपोर्ट के बाद खण्डवा में पानी के निजीकरण के विरोध का नया दौर शुरू हो रहा है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है। इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु इनसे संपर्क किया जा सकता है -

समिति अध्यक्ष - तरुण पिथोड़े, IAS, CEO ZP Khandwa 9926242128 कलेक्टर खण्डवा, नीरज दुबे- 9425679288तरुण मण्डलोई, नर्मदा जल संघर्ष समिति - 94066 55943

सधन्यवाद
अधिक जानकारी के लिए अटैचमेंट देखें।

DB 15 June 2013 Khandwa Edition by WaterPortal



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