नदियों में बढ़ रहा प्रदूषण बना अहम चुनावी मुद्दा

1. नदियों की पवित्रता बनाए रखने पर है विशेष ध्यान
2. उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब में अहम बना मुद्दा


प्रदूषित गंगा नदीगंगा, यमुना, घग्गर, सरयू समेत विभिन्न नदियों में बढ़ता प्रदूषण और उसकी अविरल धारा के प्रवाह में बाधा का विषय लोकसभा चुनाव में कई राज्यों में महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है और लोग नदियों का पवित्रता बनाए रखने के लिए जन प्रतिनिधियों से ठोस भरोसा चाहते हैं।

नदियों में बढ़ते प्रदूषण से चिंतित लोग अपनी जीवनधारा की पवित्रता बनाए रखने के लिए मन, वचन और कर्म के साथ प्रतिबद्धतापूर्वक आगे बढ़ने और संसद से कानून बनाकर इसकी निर्मल एवं अविरल धारा सुनिचित करने की मांग कर रहे हैं। वारणसी, मथुरा, पटियाला समेत उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब की अनेक सीटों पर यह महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है।

भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती ने बुधवार को कहा कि गंगा समेत विभिन्न नदियों को स्वच्छ रखने और इसकी अविरल धारा सुनिश्चित करने के लिए संसद में कई बार चर्चा हुई और अलग-अलग स्तर पर चिंतकों ने अपनी बात रखी है। सभी इस बात से सहमत हैं कि गंगा नदी की पवित्रता बनाए रखना हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है।

उन्होंने कहा कि लेकिन अब चर्चा से आगे इस विषय का ठोस एवं सार्थक हल निकाले जाने की जरूरत है। यह मांग सही है कि नदियों के संरक्षण के लिए कानून बने लेकिन अविरल निर्मल गंगा हम सब का कर्तव्य है।

गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक गंगा आज कुछ लोगों के लिए सिर्फ संसाधन बन कर रह गई है और लोग भविष्य की चिंता किए बिना अपने स्वार्थ के लिए इसे प्रदूषित कर रहे हैं और विकास के नाम पर इसकी अविरल धारा को बाधित करने का काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गंगा (संरक्षण एवं प्रबंधन) अधिनियम पारित कराकर इसे तत्काल लागू किए जाने की जरूरत है।

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