नदियों का सौदा

नदियों का किसने ये सौदा किया है
मेरे घरों में छापा पड़ा है।
दो कट्टा बजरी, रेता मिला है
टूटे दरख्तों का पट्टा मिला है।

वी.पी.एल चावल, आटा, रूपया
अणतीस का चैक-सूखा राहत मिला है,
उँचे डैमौ ने रूलाया बहुत जो
पूरा शहर यूँ, डूबा पड़ा है
बेड़ी बॅधे हैं, झोपड़ी वाले,
भेडि़या सारे खुले पड़े हैं।
नदियों का किसने ये - -।

दो चार जीते, एम.पी. उनके
खुशहाल जीवन, वादा किया है
बैंको के नोटिस, आर.सी. कुड़की
जनता का ये हाल किसने किया है
नदियों का किसने ये - - -।

बहती नदी को बचाना क्यों था?
सदियों से चलती, रूकाना क्यों था?
जमी फोड़ टनलैं बनानी क्यों थी?
कंकरीट ईमारत, सजानी क्यों थी?
जो भी किया है, हमी ने किया है
नदियों का किसने ये, सौदा किया है

नदियों का किसने ये, सौदा - - ।

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