मंगल पर भी है पानी, नासा को रोवर के जरिए मिले सबूत


नासा के खगोलविदों को मंगल की उपसतह पर पानी के साक्ष्य मिले हैं। नासा को ये सबूत मंगल पर करीब साल भर से फंसे रोवर यान से मिले है। उल्लेखनीय है कि नासा ने मंगल पर पानी व अन्य सबूतों की तलाश में रोवर यान भेजा था। पिछले साल रोवर के पहिए मंगल की सतह पर धंस गए और 22 मार्च के बाद से नासा के खगोलविदों और रोवर के बीच संपर्क कट गया था, लेकिन खगोलविदों ने फंसे रोवर को खोज लिया है और उससे उन्हें मंगल की उपसतह पर पानी के साक्ष्य मिले हैं।

प्रमुख खगोलविद रे एरविडेसन ने बताया कि मंगल पर फंसे रोवर यान से पानी के साक्ष्य मिले हैं। हो सकता है कि पानी वहां बर्फ के रूप में हो। मिट्टी की वर्गीकृत सतहों के अध्ययन के बाद साक्ष्य उनके हाथ लगा। उन्होंने संभावना जताई कि मौसम परिवर्तन के कारण पानी कई घुलनशील खनिज पदार्थों के साथ रेत से ढक गया होगा। उन्होंने बताया कि हालांकि सतह के करीब उन्हें अघुलनशील खनिज पदार्थ मिले हैं, जबकि रोवर के जरिए उन्हें घुलनशील खनिज पदार्थ मिले हैं, जो कि ऊपरी सतह से काफी नीचे हैं। इसका मतलब यह है कि मौसम परिवर्तन के कारण वहां के घुलनशील पदार्थ सतह से काफी नीचे रेत से पूरी तरह से ढक गए।

उन्होंने बताया कि सतह के करीब उन्हें हेमेटाइट, सिलिका और जिप्सम जैसे खनिज पदार्थों के साक्ष्य मिले हैं, जबकि फेरिक सल्फेट का साक्ष्य मिला है, जो कि सतह से काफी नीचे है। उन्होंने बताया कि यह अति घुलनशील खनिज पदार्थ है और पानी के साथ रहता है। इससे पहले नासा ने सबसे पहले 2004 में तीन महीने के मिशन पर मंगल की सतह पर रोवर भेजा था। इसके बाद पुनः 2006 में फिर से इस यान को भेजा गया, लेकिन अप्रैल, 2009 में यह वहां की रेत में फंस गया और उसका धरती से संपर्क पूरी तरह से कट गया था।
 
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