मिट्टी विज्ञान में कॅरिअर

मृदा विज्ञान में करियर भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां हर साल भारी तादाद में फसलें बोई और काटी जाती हैं। जिस तरह से कुछ फसलें केवल गर्मी में व कुछ सर्दी में बोई जाती हैं ठीक उसी तरह से अलग-अलग फसलों को बोने के लिए हमें मिट्टी भी अलग चाहिए होती है। हमारे यहां पर क्षेत्रीय तौर पर इतनी विविधताएं हैं कि महज कुछ मीलों की दूरी पर ही मिट्टी के कई प्रकार देखने को मिल जाएंगे। यहीं जरूरत पड़ती है एक सॉयल साइंटिस्ट की। आज के ग्लोबलाइजेशन के दौर में मिट्टी वैज्ञानिक की उपयोगिता बढ़ गई है। ऐसे में वे युवा जो अपने देश की मिट्टी से जुड़े रहकर अपने लिए एक सुनहरा कॅरिअर तलाशना चाहते हैं उनके लिए मिट्टी विज्ञान एक बेहतर कॅरिअर ऑप्शन साबित हो सकता है।

कार्यक्षेत्र


एक मिट्टी वैज्ञानिक का काम होता है मिट्टी और फर्टिलाइजर्स की गुणवत्ता की जांच लैबोरेटरीज़ में करना। मिट्टी की प्रोडक्टिविटी कैसे बढ़ाई जाए इस बाबत रिसर्च करना और किसी भी क्षेत्र की मिट्टी को खेती करने योग्य बनाना भी इनका ही काम होता है। चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए खेती तो हमारे यहां हमेशा से ही प्रमुख रोजगार रही है, लेकिन आधुनिकीकरण की वजह से आज इसके तरीकों में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं।

एजुकेशनल रिक्वॉयरमेंट


मिट्टी विज्ञान में अपना कॅरिअर बनाने के लिए आपको एक अच्छे कॉलेज से मिट्टी विज्ञान में डिग्री लेनी होगी। आप बैचलर्स डिग्री लेंगे या फिर मास्टर्स भी करेंगे यह तो आपकी इच्छा के ऊपर निर्भर करता है, वैसे बेहतर तो यही रहेगा की आप ग्रैजुएशन करने के बाद मास्टर्स डिग्री भी हासिल कर लें।

रोजगार के अवसर


टीचिंग, रिसर्च कंसलटेंट साइंटिस्ट के तौर पर आप इस क्षेत्र में अपना कॅरिअर संवार सकते हैं। अगर आप एक अच्छे रिसर्चर हैं तो ‘आईसीआरए’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ जुड़ने का मौका भी आपको मिल सकता है।

इंस्टिट्यूट वॉच


इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट, पूसा
तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना
यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता, कोलकाता
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

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