पिछले कुछ सालों से गौ क्षक अपने काम को लेकर विवादों में रहे है जो काम उन्हें करना चाहिए उसे छोड़ मोब लिंचिंग में व्यस्त हो गए है। जिसके कारण सामज में उनकी एक नकारात्मक छवि बन गई है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गौरक्षक से मिलायेंगे जिन्होंने, गौरक्षक की क्या जिम्मेदारी होती है उसकी एक छोटी सी मिसाल पेश की है
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के रहने वाले और गौपुत्र संस्था के संस्थापक प्रशांत शुक्ला एक फार्मा कंपनी चलाने के साथ पिछले 6 साल से गायों की सेवा कर रहे हैं और अब तक करीब 12 हज़ार गायों का निशुल्क इलाज करने के साथ ही उनके लिए 1100 से अधिक पानी पीने की टंकियों विभिन्न क्षेत्रों में लागा चुके है। प्रशांत ने कई गायों को कई बार गौ तस्करों के चंगुल से भी बचाया है।
अब तक हजारों गायों का इलाज कर चुके प्रशांत बताते है कि वह अपने जिले में एक एनिमल इमरजेंसी सेवा भी संचालित करते है जिसमें वह हाइवे में बीमार और सड़क दुर्घटना में चोटिल गायों को रेस्क्यू कर उनका निशुल्क इलाज करते है और तब तक उसे छोड़ते नही जब तक वह पूरी तरह स्वास्थ्य ना हो जाए। प्रशांत आगे कहते है कि उनकी संस्था हर साल गायों के इलाज पर 8 से 10 लाख रुपए खर्च करती है । और उन्हें ये पूरा ख़र्चा आमजन के सहयोग से प्राप्त होता है।
प्रशांत का मानना है कि अगर आप अच्छा काम कर रहे है और आपके काम मे खोट भी नही है तो लोग खुदी ही आपकी मदद करने के लिये आगे आ जाते है। उन्होंने भी आज तक निरस्वार्थ भाव से काम किया इसलिए लोग इन नेक कार्य के लिये उनकी मदद कर रहे है
प्रशांत को उनके इस कार्य के लिए राज्य के मंत्री, विधायक से लेकर जिला अधिकारी तक सम्मानित कर चुके हैं । प्रशांत का गौ सेवा का ये अनोखा प्रयास एक दिन जरूर समाज मे गोरक्षक की नकारात्मक छवि को बदल देगा।
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